दीपावली के पर्व को केवल रोशनी का ही पर्व नहीं कहा जा सकता। यह पर्व अपने साथ सौभाग्य के साथ स्वास्थ्य और प्रेम भी लेकर आता है। मान्यता है यह पर्व अपने साथ सौभाग्य के साथ प्रेम और खुशियां भी लेकर आता है। खुशियां और आपसी प्रेम को और अधिक बढ़ाने के लिए लोग दीपावली पर उपहार भेट करते हैं। हिंदू शास्त्रों में कुछ ऐसे उपहारों का जिक्र किया गया है जो अशुभ माने गए हैं और जिन्हें देना या लेना वर्जित माना गया है। इन उपहारों को देने से न केवल नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, बल्कि घर में दुर्भाग्य और कष्ट आने की संभावना भी रहती है।
भूल कर भी उपहार में न दे नुकीली या धारदार वस्तुएं
शास्त्रों के अनुसार धारदार या नुकीली वस्तुएं जैसे चाकू, कैंची, ब्लेड आदि को उपहार में देना या लेना अशुभ माना गया है। इन वस्तुओं में नकारात्मक ऊर्जा होती है जिससे रिश्तों में तनाव उत्पन्न हो सकता है, इसलिए दीपावली पर ऐसी वस्तुओं का आदान-प्रदान कभी नहीं करना चाहिए।
काले रंग की वस्तुएं
मान्यता है कि काला रंग नकारात्मकता और अशुभता का प्रतीक होता है। दीपावली का पर्व सकारात्मक ऊर्जा और रोशनी का है, ऐसे में काले रंग की वस्तुएं उपहार में देना या लेना वर्जित माना गया है। इसके स्थान पर लाल, पीला या सुनहरा रंग समृद्धि का प्रतीक माने जाते हैं और इन्हें उपहार के रूप में देना शुभ होता है।
ताले और बंधन से जुड़ी वस्तुएं
शास्त्रों के अनुसार दीपावली पर ताले या कोई भी बंद वस्त्र जैसे रुमाल या कपड़ा देना अशुभ माना जाता है। ताला घर की समृद्धि और सौभाग्य को अवरुद्ध करता है। माना जाता है कि ऐसे उपहारों को देने से रिश्तों में कड़वाहट आने की संभावना होती है और घर में आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है।
नकली फूल या सजावटी पौधे
दीपावली के अवसर पर कभी भी नकली फूलों या पौधों का उपहार नहीं देना चाहिए। ऐसे उपहारों को अशुभ माना गया है। शास्त्रों के अनुसार नकली पौधों में नकारात्मक ऊर्जा होती है और ये घर में समृद्धि को रोकते हैं। इसके स्थान पर हरे-भरे, प्राकृतिक पौधों को उपहार के रूप में देना शुभ होता है, जो जीवन और समृद्धि का प्रतीक माने जाते हैं।
खाली बर्तन
शास्त्रों के अनुसार हमेशा खाली बर्तन जैसे कलश, लोटा या कोई अन्य पात्र उपहार में देने से बचना चाहिए। मान्यता है कि खाली बर्तन देने से घर में दरिद्रता का वास होता है। यदि आप उपहार में बर्तन दे रहे हैं तो उसमें कुछ मिठाई या अनाज भरकर दें, मिठाई या अनाज भरने से उपहार की नकारात्मक उर्जा समाप्त हो जाती है। ऐसे अनाज या मिठाई से भरे पात्रों को समृद्धि का प्रतीक माना जाता है इसलिए पात्र हमेशा अनाज या मिठाई से भरकर देना चाहिए।
चमड़े से बनी वस्तुएं
शास्त्रों के अनुसार उपहार में कभी भी चमड़े से बनी वस्तुएं जैसे बेल्ट, जूते या बैग आदि को दीपावली पर उपहार के रूप में कभी नहीं देना चाहिए। इस प्रकार के उपहारों को अशुभ माना गया है। चमड़ा मांस से प्राप्त होता है और इस प्रकार की वस्तुएं नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक मानी जाती हैं। इस प्रकार के उपहार देने या लेन से घर में शांति और सौभाग्य में बाधा उत्पन्न होती हैं।
सफाई करने वाली वस्तुएं
शास्त्रों के अनुसार दीपावली पर सफाई करने वाले सामान जैसे झाड़ू या सफाई करने के उपकरण उपहार में कभी भी नहीं देना चाहिए। इस प्रकार के उपहारों को प्रतीक रूप में घर की समृद्धि और सुख को हटाने का संकेत देता है। ऐसा माना जाता है कि इससे घर की बरकत का अंत हो सकता है।
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