नई दिल्ली। बाबा अमरनाथ की यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में हमेशा से ही उत्साह रहता है। सभी शिव भक्तों के लिए यह वर्ष विशेष महत्वपूर्ण है। इस वर्ष सावन का माह दो माह रहेगा। इसी के चलते अमरनाथ यात्रा भी एक माह के स्थान पर दो माह चालू रहेगी। पहला जत्था 30 जून का जम्मू से खाना हो जाएगा। यात्रा 31 अगस्त तक यानी 62 दिन तक चलेगी।
गौरतलब हो कि अमरनाथ की यात्रा अमूमन एक माह की होती है किन्तु इस वर्ष सावन दो बार पड रहा है जिसके चलते यात्रा भी एक माह के स्थान पर दो माह की रहेगी। इस वर्ष शिव भक्तों को शिव की कृपा पाने के लिए अधिक समय मिलेगा। इसका प्रमुख कारण अधिकमास का होना है जिसे मलमास भी कहा जाता है। मलमास के चलते 2023 में 19 साल बाद सावन का महीना दो माह का रहेगा।
इसी अधिकमास के कारण ही अमरनाथ यात्रा 62 दिन तक चलेगी। इस वर्ष यह यात्रा 30 जून से शुरू होगी और 31 अगस्त तक चलेगी। 62 दिन की यात्रा के लिए 17 अप्रैल से ही रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है। वहीं दूसरी तरफ यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सरकार ने निर्देश दे दिए है। यात्रा को सुगम बनाने के लिए सरकार सभी प्रकार के इंतजाम कर रही है। तीर्थ यात्रा शुरू होने से पहले दूरसंचार सेवाओं को और बेहतर तरीके से संचालित कर दिया जाएगा। इसके साथ ही साथ यात्रियों के मेडिकल के लिए बेहरत इंतजाम किए जा रहे हैं।
अमरनाथ धाम का इतिहास और महत्व
अमरनाथ धाम हिन्दुओं का सबसे पवित्र धार्मिक स्थल है। यह जम्मू कश्मीर में हिमालय की गोद में स्थित एक गुफा है। मान्यता है कि इस गुफा में भगवान शिव का वास है। यह वही स्थान है जहां पर भगवान शिव ने माता पार्वती का अमरता का रहस्य बताया था। जिसे दो कबूतरों ने भी सुना था।
आज भी भगवान भोलनाथ बर्फ के शिवलिंग के रूप में बिराजमान हैं। इसी कारण इसे बाबा बर्फानी भी कहा जाता है। गर्मियों के कुछ दिनों को छोड़कर अधिकांश समय यह गुफा बर्फ से ढकी रहती है। अमूमन यह यात्रा सावन के माह में ही खुलती है। इस गुफा की विशेषता यह है कि यहां बनने वाला शिव लिंग प्राकृतिक रूप से बनता है।
यात्रा के लिए आवश्यक योग्यता
सरकार द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार 13 से 70 वर्ष की आयु तक के व्यक्ति अमरनाथ यात्रा के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। छह हफ्ते या उससे अधिक दिनों की गर्भवती महिलाओं को अमरनाथ यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यात्री ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्राकार से रजिस्टे्रशन कराया जा सकता है।
इस वर्ष यात्रा के लिए मेडिकल और रजिस्ट्रेशन संबंधी कई दस्तावेज अनिवार्य किए गए है। यात्रा संबंधी अधिक जानकारी के लिए सरकार द्वारा टोल फ्री नंबर 18001807198/18001807199 भी जारी किया गया है।
यात्रा के लिए पंजीयन
इस वर्ष अमरनाथ यात्रा के लिए कुल 31 बैंकों में पंजीयन की सुविधा दी जा रही है। इसके अतिरिक्ति पंजाब नेशनल बैंक की सभी शाखाओं में पंजीयन की सुविधा उपलब्ध रहेगी। मेडिकल और रजिस्टे्रशन के लिए कई दस्तावेज आवश्यक किए गए है, जिनके बिना यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
यात्रा के लिए आवश्यक दस्तावेज
अमरनाथ यात्रियों को अपने साथ पासपोर्ट साइज फोटो के साथ आईडी प्रूफ की फोटोकॉपी लानी आवश्यक होगी साथ ही यात्रा की तारीख और उसका मार्ग भी बताना होगा।
रजिस्ट्रेशन शुल्क
नामित बैंक शाखाओं के माध्यम से रजिस्टे्रशन करने की लागत 120 रुपये प्रति व्यक्ति है। वहीं ऑनलाइन पंजीकरण की लागत प्रति व्यक्ति 220 रुपये निर्धारित की गई है। ग्रुप रजिस्टे्रशन की लागत 220 रुपये प्रति व्यक्ति है। वहीं एनआरआई तीर्थयात्रियों को 1520 रुपये प्रति व्यक्ति देना होगा।
अमरनाथ यात्रा का नया और पुराना मार्ग
समय के साथ अमरनाथ यात्रा के मार्ग में भी परिवर्तन आया है। अब अमरनाथ की यात्रा के लिए दो रास्ते है। पहला मार्ग बालटाल से शुरू होता है। यहां से गुफा की दूरी लगभग 15-16 किलोमीटर है। लेकिन खड़ी चढ़ाई की वजह से इस मार्ग से जा पाना सबके लिए सम्भव नहीं हो पाता। वहीं दूसरा मार्ग पहलगाम से शुरू होता है। यह मार्ग करीब 47-48 किलोमीटर के करीब है। इस मार्ग से यात्रा करने में करीब 45 दिन का समय लगता है। अधिकांश लोग इसी मार्ग से जाना पसंद करते हैं।