यदि देश में सबसे अधिक आईएएस या पीसीएस अधिकारी देने वाले प्रदेश की बात करें तो बिहार का नाम पहले नंबर पर आएगा। लेकिन उनमें कुछ ही ऐसे लोग होते हैं जो अपने नैतिक और सामाजिक कर्तव्यों को पूरा कर पातें है जिस पर प्रदेश ही नहीं देश भी गौरव कर सके। देश और समाज के प्रति अपने कर्तव्यों का सपना लेकर बिहार प्रान्त के भागलपुर जिले में सुनील कुमार ने जन्म लिया। सुनील कुमार बचपन से ही देश की सेवा करना चाहते थे। प्रारंभ से ही उनके मन में था कि वह किस प्रकार से अपनी मातृभूमि का ऋण चुकाए। अपने इसी सपने को साकार करने के लिए 1994 में उन्होंने केन्द्रीय सशस्त्र बल, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल में कमान अधिकारी के रूप में अपनी सेवा प्रारंभ की।
सुनील कुमार ने दुर्ग दृष्टि टाइम्स से बात करते हुए बताया कि देश में जो भी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं उसके लिए हमारी सामाजिक व प्राकृतिक विचारों की सही सोच में गिरावट के कारण है। आज हम लोग यह नहीं सोच पाते हैं कि हमारे जीवन का मुख्य मकसद क्या होना चाहिए? दुनिया की आपाधापी में कहीं न कहीं हम अपने जीवन के नैतिक मूल्यों को भूल चुके है जिससे देश में सामाजिक, आर्थिक एवं अन्य प्रकार की समस्याएं जनित हो रही हैं।
बता दें सुनील कुमार लगभग तीन दशकों के अपने कैरियर में अधिकाशंत: देश के आतंकवाद, उग्रवाद, नक्सलवाद तथा कानून एवं व्यवस्था से प्रभावित प्रान्तों जैसे जम्मू-कश्मीर, असम, उड़ीसा, बिहार, नागालैंड, त्रिपुरा, गुजरात, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश जैसे अतिदुर्गम, कठिन एवं अशांत क्षेत्रों में विभिन्न जिम्मेदार ओहदों पर तैनात रहकर अपनी व्यावसायिक कार्य दक्षता व कुशल प्रशासनिक एवं परिचालनिक नेतृत्व के द्वारा देश की सेवा में अपनी बेहतरीन सेवाएं दे रहे हैं।
इसके साथ ही देश के प्रति अपने कर्तव्य को पूरा करने के लिए केंद्रीय सशस्त्र बल, केरिपु.बल के उच्चाधिकारी के साथ-साथ जब भी समय मिलता है एक समाज सेवक के रूप में भी काम करते रहते हैं। उनके इन्हीं कार्यो को देखते हुए उनका नाम एक सच्चे समाजसेवी के रूप में प्रमुखता से लिया जाता है।
यहां हम सुनील कुमार, पुलिस उप महानिरीक्षक, मध्य सेक्टर, केरिपु.बल, लखनऊ द्वारा उनके लगभग तीन दशकों के साहसिक एवं शानदार देश/सामाजिक सेवा के कुछ महत्वपूर्ण उपलब्धियों को संक्षेप में साझा कर रहे हैं:-
केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल लखनऊ से प्राप्त सुनील कुुमार की उपलब्धियां
- बतौर कमान अधिकारी जम्मू एवं कश्मीर के श्रीनगर, डोडा और बड़गांव जैसे अति संवेदनशील एवं सबसे अधिक आतंकवाद से प्रभावित क्षेत्रों में अपनी उत्कृष्ट सेवाएं देते हुए आतंकवाद के खिलाफ चलाये गये अनगिनत अभियानों का पूरी कुशलता के साथ नेतृत्व किया तथा तैनाती क्षेत्रों में शांति कायम करने में अहम भूमिका निभाई।
- वर्ष 2001 में गुजरात में आये विनाश कारी भूकम्प के दौरान अहमदाबाद में अपनी टीम के साथ अपनी जान जोखिम में डालते हुए 74 नागरिकों की अमूल्य जान बचाई।
- 100 आर.ए.एफ. बटालिय गुजरात में तैनाती के दौरान बतौर उप कमाण्डेंट गोधरा काण्ड के उपरान्त भड़के हिंसक दंगो को सूरत में 48 घण्टें के भीतर कानून एवं व्यवस्था को बहाल करने में अहम भूमिका निभाई जिसकी प्रशंसा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तत्कालीन मुख्यमंत्री गुजरात द्वारा की गई।
- बतौर कमाण्डेंट दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर जैसे अति नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शान्ति व्यवस्था कायम करने तथा नक्सलवाद से ग्रसित दूर-दराज इलाकों के भटके हुए युवाओं को राष्ट्र की मुख्य धारा में लाने में अहम भूमिका निभाई।
- दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा में अवस्थित प्राचीन और ऐतिहासिक पर्यटन नगरी बारसूर की खोई हुई विरासत एवं प्रसिद्धि को पुनः स्थापित कर टूरिस्ट मैप के रूप में स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई।
- देश के सबसे संवेदनशील तीर्थ स्थलों में से एक श्री वैष्णो माता दरबार श्राईन बोर्ड के साथ देश के विभिन्न प्रान्तों से आये श्रद्धालुओं की सुरक्षा व उनकी हर प्रकार से मदद सदैव तत्परता से सुनिश्चित किया।
- मणिपुर के अति उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में उग्रवाद के विरूद्ध लगातर अभियान चलाकर शांति व्यवस्था को कायम रखा तथा इसी दौरान पूर्वोत्तर में उत्पन्न अर्थव्यवस्था अवरुद्ध (Economic Blockade) स्थिति को पूरी कुशलता व रणनीति से संभाला जिसके परिणामस्वरूप कोई अप्रिय घटना घटित नहीं हुई।
- मां वैष्णो देवी सेवा संस्था पटना के माध्यम से पीरबहोर थाना इलाके के दरियापुरगोला ब्रहमस्थान मंदिर के निकट मॉ ब्लड सेंटर स्थापित किया गया जो पूरी तरह से नॉन कामर्शियल है तथा थैलीसिमिया, हीमोफीलिया और एप्लास्टिक एनीमिया सहित समाज के बेहद निर्धन एवं असहाय व्यक्तियों को निःशुल्क रक्त उपलब्ध कराया जा रहा है।
- समाज के असहाय एवं अत्यन्त गरीब बच्चों के उत्थान हेतु कार्य कर रहीं समाजसेवी संस्थानों से जुड़े रहकर उनके उत्थान में अपना सराहनीय योगदान व समाज के लोगों को समाज सेवा हेतु प्रेरित करने का कार्य कर रहे हैं।
- केरिपु.बल के जवानों के सर्वतोन्मुखी विकास के लिए डॉ. गौरव सक्सेना, अन्तर्राष्ट्रीय काउन्सलर के सहयोग से उत्तर प्रदेश के 10 जिलों में अवस्थित सीआरपीएफ के कुल 13 संस्थानों/यूनिटों में काउन्सलिंग सत्रों का आयोजन कर सीआरपीएफ के अधिकरियों/जवानों एवं उनके परिवारजनों की काउन्सलिंग करवाई। इस ऐतिहासिक कार्य में सीआरपीएफ के नाम 05 विश्वकीर्तिमान हुए व सुनील कुमार को “WORLD RECORD APPRECIATION CERTIFICATE ” से नवाजा गया।
- कुशल नेतृत्व एवं सराहनीय सेवाओं के लिए अब तक केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के उच्चाधिकारियों के साथ-साथ सम्बंधित तैनाती क्षेत्रों के शासन एवं प्रशासन के उच्च प्राधिकारियों द्वारा कुल 174 प्रशस्ति पत्रों/ डिस्क एवं उत्तम प्रवष्टियों से सम्मानित/अलंकृत किया जा चुका है।
गौरतलब हो कि सुनील कुमार अपने अब तक के सेवाकाल के दौरान आतंकवाद, नक्सलवाल, उग्रवाद तथा कानून एवं व्यवस्था से जूझ रहे क्षेत्रों में तैनात रहे। इस दौरान उन्होंने केरिपु.बल के मापदण्डों की परिधि में रहते हुए निःस्वार्थ देश भक्ति, साहस, ईमानदारी, कर्त्तब्यपरायणता, व्यासायिक एवं प्रशिक्षण दक्षता के साथ अपने कर्तव्यों का पालन किया।
इसके साथ ही सामाजिक क्षेत्र में भी प्रथम पंक्ति में रहकर सुनील कुमार ने जो सराहनीय कार्य किए हैं वह प्रशंसा के योग्य है। दुर्ग दृष्टि की पूरी टीम सरकार से अनुरोध करती है कि इस प्रकार की शख्सियत को कम से कम “बिहार रत्न” की उपाधि से अलंकृत कर उन्हें सम्मानित करें। जिससे देश की जनता उनसे प्रेरणा लेकर उनके पदचिंहों पर चले।
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