वैज्ञानिक दृष्टीकोण से देखा जाए तो ग्रहण एक खगोलीय घटना मात्र है। वैज्ञानिक दृष्टी से जब पृथ्वी सूर्य और चन्द्रमा के बीच में आ जाती है तब चन्द्र ग्रहण लगता है। लेकिन धार्मिक दृष्टी से ग्रहण को शुभ घटना के रूप में नहीं माना जाता है। 28 अक्टूबर को इस वर्ष का दूसरा और अंतिम चन्द्र ग्रहण लगने जा रहा है। यह चन्द्रग्रहण भारत सहित दुनिया भर के कई हिस्सों में दिखाई देगा।
कब लगेगा दूसरा और अंतिम चन्द्र ग्रहण
वर्ष 2023 का दूसरा और अंतिम चन्द्र ग्रहण 28 अक्टूबर को लगेगा। यह ग्रहण भारत के समय अनुसार रात 1 बजकर 6 मिनट पर शुरू होगा और रात्रि 2 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगा। भारत में इस ग्रहण की कुल अवधि 1 घंटा और 16 मिनट होगी।
कहां दिखेगा चन्द्र ग्रहण
वर्ष का अंतिम चन्द्र ग्रहण भारत के साथ साथ नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, चीन, भूटान, मंगोलिया, ईरान, कजाकिस्तान, सऊदी अरब, सूडान, इराक, तुर्की, अल्जीरिया, रूस, जर्मनी, यूक्रेन, फ्रांस, पोलैंड, नाइजीरिया, दक्षिण अफ्रीका, इटली, नॉर्वे, ब्रिटेन, स्पेन, स्वीडन, मलेशिया, फिलीपींस, थाईलैंड, ऑस्ट्रेलिया, जापान और इंडोनेशिया में भी दिखाई देगा।
चंद्र ग्रहण का सूतक काल
ज्योतिषाचार्य पंडित पियूष अवतार शर्मा ने बताया कि चन्द्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले से शुरू हो जाता है। इस लिए 28 अक्टूबर को लगने वाले चन्द्रग्रहण का सूतक काल 28 अक्तूबर की दोपहर 04 बजकर 05 मिनट से शुरू हो जाएगा। शास्त्रों के अनुसार सूतक काल को अशुभ माना जाता है।
क्या होता है सूतक काल
पंडित पियूश अवतार शर्मा ने बताया कि शास्त्रों और ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार ग्रहण से पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। सूर्य ग्रहण शुरू होने से 12 घंटे पहले और चंद्र ग्रहण के शुरू होने से करीब 09 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। शास्त्रों में इस अवधि के दौरान किसी भी प्रकार का कोई शुभ काम या पूजा-पाठ करना वर्जित होता है।