एक बार फिर झारखंड में नेतृत्व परिवर्तन हुआ है। 28 जून को जेल से रिहा हुए हेमंत सोरेन ने गुरुवार को तीसरी बार राज्य के सीएम पद की शपथ ली है। बता दें बुधवार को ही चंपई सोरेन ने राज्यपाल को झारखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। राज्यपाल को चंपई सोरेन ने ही विधायक दल के नेता और राज्य के अगले मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसे विधायकों की सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। इसके बाद हेमंत सोरेन ने सरकार बनाने का दावा पेश किया।
ज्ञात हो कि हेमंत सोरेन ने करीब पांच माह बाद झारखंड की सत्ता संभाल ली है। सोरेन को 31 जनवरी को जमीन घोटाले से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। आइये जानते हैं हेमंत सोरेन और उनके सियासी सफर के बारे में…
कौन हैं हेमंत सोरेन
हेमंत सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता है। हेमंत सोरेन ने तीसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। हेमंत सोरेन राज्य के तीन बार के सीएम रह चुके शिबू सोरेन के बेटे हैं। हेमंत सोरेन का जन्म 10 अगस्त 1975 को शिबू सोरेन और रूपी सोरेन के घर हुआ था। हेमंत ने 1990 में पटना के एमजी हाई स्कूल से दसवीं की पढ़ाई की है। इसके बाद 1994 में पटना हाई स्कूल से इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने रांची के बीआईटी (मेसरा) में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में दाखिला लिया लेकिन कुछ कारणों से पढ़ाई पूरा नहीं कर पाए। पढ़ाई के बाद कुछ समय हेमंत ने इंजीनियरिंग फर्मों के साथ काम किया। हेमंत की शादी कल्पना सोरेन से हुई है और उनके दो बेटे हैं।
हेमंत सोरेन का सियासी करियर
हेमंत सोरेन को राजनीति विरासत में मिली। उनके पिता शिबू सोरेन खुद तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रहे। इसके अलावा हेमंत के बड़े भाई दिवंगत दुर्गा सोरेन भी विधायक थे। हेमंत ने 2005 में दुमका से स्टीफन मरांडी के खिलाफ अपना पहला चुनाव लड़ा, जिसमें वे हार गए। लेकिन जून 2009 में वे राज्यसभा के सदस्य बने। हालांकि, 2009 के अंत में हुए विधानसभा चुनाव में वह दुमका सीट से विधायक चुने गए। विधायक चुने जाने के बाद हेमंत सोरेन ने राज्यसभा की सदस्यता छोड़ दी।
झारखंड के उपमुख्यमंत्री रहे
अर्जुन मुंडा के तीसरे कार्यकाल में सितंबर 2010 से जनवरी 2013 तक हेमंत झारखंड के उपमुख्यमंत्री रहे। इसके बाद कांग्रेस और आरजेडी के समर्थन से हेमंत सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री बने। जुलाई 2013 में उन्होंने पहली बार झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। हेमंत का पहला कार्यकाल करीब 17 महीने का रहा।
इसके बाद 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में जेएमएम को हार झेलनी पड़ी और भाजपा को जीत मिली। हालांकि, सोरेन बरहेट सीट से जेएमएम के विधायक चुने गए। उन्होंने जनवरी 2015 से दिसंबर 2019 तक रघुबर दास सरकार के दौरान झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी निभाई।
चुनौतियों पूर्ण रहा दूसरा कार्यकाल
झारखंड में 2019 में हुए विधानसभा चुनाव 2019 में हेमंत सोरेन की जेएमएम को जीत मिली। इस जीत के बाद जेएमएम ने कांग्रेस और राजद के साथ मिलकर राज्य में महागठबंधन की सरकार बनाई जिसके मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बने। 29 दिसंबर 2019 को हेमंत सोरेन ने दूसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
हेमंत सोरेन का दूसरा कार्यकाल काफी चुनौतियों वाला रहा। 2022 में चुनाव आयोग ने झारखंड के तब के राज्यपाल रमेश बैस को एक याचिका पर अपनी राय भेजी थी जिसमें मांग की गई कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को खुद को एक खनन पट्टा देकर चुनावी कानून का उल्लंघन करने के लिए विधायक के रूप में अयोग्य ठहराया जाए।
इतना ही नहीं हेमंत सोरेन को भूमि घोटाले के आरोपों में 31 जनवरी 2024 को प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी से पहले उन्होंने पद से त्यागपत्र दिया। हालांकि, पिछले महीने सोरेन को बड़ी राहत के रूप में जमानत मिल गई और 28 जून को उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया। चंपई सोरेन ने 3 जुलाई 2024 को झारखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। 4 जुलाई को हेमंत सोरेन तीसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री बन गए हैं।
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