केंद्र-राज्य और अंतर राज्यीय समन्वय एवं सहयोग के लिए कार्य करने वाली अंतर राज्यीय परिषद का पुनर्गठन किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परिषद के अध्यक्ष हैं। सभी राज्यों के मुख्यमंत्री एवं नौ केंद्रीय मंत्री इसके सदस्य बनाए गए हैं। साथ ही 13 केंद्रीय मंत्रियों को स्थायी आमंत्रित सदस्य बनाया गया हैं।
गृह मंत्रालय से प्राप्त अधिसूचना के अनुसार एनडीए के सहयोगी दलों जनता दल (यूनाइटेड), जनता दल (सेक्युलर), तेलुगुदेशम पार्टी और लोक जनशक्ति पार्टी से जुड़े केंद्रीय मंत्री पुनर्गठित परिषद का हिस्सा हैं। अधिसूचना में बताया गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसके अध्यक्ष होंगे। विधानसभा वाले सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री तथा विधानसभा न रखने वाले केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासक उच्चाधिकार प्राप्त समिति के सदस्य होंगे।
क्या है अंतर राज्यीय परिषद का उद्देश्य?
परिषद का उद्देश्य देश में सहकारी संघवाद को बढ़ावा देने और समर्थन देने के लिए एक मजबूत संस्थागत ढांचा बनाने के अतिरिक्त केंद्र-राज्य और अंतरराज्यीय समन्वय एवं सहयोग के लिए काम करना है।
कौन से केंद्रीय मंत्री हैं अंतर राज्यीय परिषद के सदस्य?
परिषद के सदस्यों में गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, जगत प्रकाश नड्डा, निर्मला सीतारमण, शिवराज सिंह चौहान, मनोहर लाल खट्टर, वीरेंद्र कुमार, राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और राममोहन नायडू शामिल हैं।
कौन हैं अंतर राज्यीय परिषद के स्थायी आमंत्रित सदस्य?
परिषद के स्थायी आमंत्रित सदस्यों में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, एस जयशंकर, एचडी कुमारस्वामी, जीतनराम मांझी, भूपेंद्र यादव, जुएल ओरांव, अश्विनी वैष्णव, किरेन रिजिजू, जी किशन रेड्डी, चिराग पासवान और सीआर पाटिल हैं।
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