केंद्रीय कैबिनेट कमेटी ने राजस्थान कैडर के आईएएस संजय मल्होत्रा को भारतीय रिजर्व बैंक का गवर्नर नियुक्त कर दिया है। संजय मल्होत्रा राजस्थान कैडर के आईएएस होने के साथ ही राजस्थान के रहने वाले भी हैं। मूल रूप से वह बीकानेर के रहने वाले है।
बता दें कि जनवरी 2020 में राजस्थान से वे प्रतिनियुक्ति पर केंद्र में चले गए थे। यहां पहले ऊर्जा मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के पद पर तैनाती मिली। इसके बाद उनकी एंट्री सीधे वित्त मंत्रालय में हो गई। यहां वे राजस्व विभाग में सचिव के पद पर अपनी सेवाएं दे रहे थे।
जानकारी के अनुसार संजय मल्होत्रा ने आईआईटी कानपुर से पढ़ाई की है। उन्होंने प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से पब्लिक पॉलिसी में मास्टर डिग्री भी हासिल की है। संजय मल्होत्रा 1990 बैच के आईएएस हैं और वरिष्ठता में राजस्थान के मौजूद आईएएस अफसरों में चौथे नंबर पर आते हैं।
सूत्रों के अनुसार सुधांश पंत से पहले राजस्थान में संजय मल्होत्रा का नाम ही चीफ सेक्रेट्री के लिए चर्चाओं में था, लेकिन केंद्र सरकार उनके टैलेंट को देखते हुए उन्हें वापस राजस्थान नहीं भेजना चाहती थी। संजय मल्होत्रा की सेवानिवृत्ति में भी अभी 2 साल से ज्यादा का समय शेष है। इसलिए आरबीआई में गवर्नर के रूप में भी उनका कार्यकाल काफी लंबा रहने वाला है।
अपने बैच के टॉपर रहे थे संजय मल्होत्रा
बता दें कि संजय मल्होत्रा अपने बैच के टॉपर रहे थे। इसलिए उन्हें होम स्टेट राजस्थान का कैडर भी मिला। राजस्थान में वे राजस्व, वित्त, स्वास्थ्य, ऊर्जा और कृषि जैसे विभागों से जुड़े।
वसुंधरा राजे के रहे हैं पसंदीदा अफसर
गौरतलब हो कि 1999 में जब राजस्थान से तत्कालीन सांसद वसुंधरा राजे को वाजपेयी मंत्रिमंडल में जगह मिली तो उन्होंने इस डायनैमिक अधिकारी को दिल्ली बुलाकर अपने मंत्रालय में कार्यभार दिया। वर्ष 2003 में संजय मल्होत्रा को संयुक्त राष्ट्र डेवलपमेंट प्रोग्राम का प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर बनाया गया।
वर्ष 2006 में उन्हें दोबारा प्रदेश में वित्त और राजस्व का विशेष सचिव और वर्ष 2007 में राजस्थान का कार्मिक सचिव बनाया गया। वर्ष 2008 में वे करीब साल भर तक स्टडी लीव पर रहे, फिर 2009 में लौटे तो उन्हें माइन्स विभाग का कार्यभार मिला। वर्ष 2010 में उन्हें राज्य का आईटी सचिव बनाया गया। प्रदेश में कंप्यूटरीकरण और ई-गवर्नेंस की दिशा में उन्होंने काफी कार्य किये।
यह भी पढ़ें: One Nation One Election: मोदी सरकार इसी संसद सत्र में ला सकती है ‘एक देश एक चुनाव’ बिल