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Surya Grahan 2024: सूर्य ग्रहण पर 54 साल बाद बन रहा दुर्लभ संयोग, जानिए क्या पडेगा प्रभाव

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2024 का पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को लगने वाला है। खगोलीय घटना होने के बाद भी भारत में सूर्य ग्रहण को लेकर लोग काफी डरे हुए है जिसकी प्रमुख दो वजह हैं। पहला कारण यह है कि इस प्रकार का सूर्य ग्रहण करीब 54 साल बाद लगने वाला है। दूसरा कारण यह सूर्य ग्रहण चैत्र नवरात्रि से ठीक एक दिन पहले लग रहा है।

सूर्य ग्रहण को लेकर लोगों के मन में कई प्रकार के सवाल है जैसे सूर्य ग्रहण कहां दिख रहा है और इसका कितना असर होगा। सूर्य ग्रहण कितने बजे लगेगा और इसे कहां और कैसे देखा जा सकता है।

बता दें यह सूर्य ग्रहण इस साल का पहला सूर्य ग्रहण है। यह पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा। यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। भारतीय समयानुसार यह सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को रात 9 बजकर 12 मिनट से शुरू होगा और इसका समापन 9 अप्रैल को रात 2 बजकर 22 मिनट पर होगा। कुल मिलाकर सूर्य ग्रहण की अवधि 4 घंटे 10 मिनट की होगी।

मेरठ के ज्योतिषाचार्य डॉ. पियूष अवतार शर्मा ने बताया कि 8 अप्रैल को चैत्र अमावस्या पर साल का पहला ग्रहण लगने जा रहा है। यह एक पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा जिसे खग्रास सूर्य ग्रहण भी कहा जाता है।

सूर्य ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है, जिससे सूर्य की दृष्टि पूरी तरह या आंशिक रूप से अवरुद्ध हो जाती है। हालांकि यह एक खगोलीय घटना है किन्तु मानव जीवन पर इसका काफी प्रभाव देखने को मिलता है। यह सूर्य ग्रहण मीन राशि और रेवती नक्षत्र में लगने जा रहा है।

सूर्य ग्रहण की अवधि

भारतीय समयानुसार, सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को रात 9 बजकर 12 मिनट से शुरू हो जाएगा और इसका समापन रात 1 बजकर 20 मिनट पर होगा। यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इस भारत में इसका सूतक नहीं माना जाएगा। सूर्य ग्रहण की अवधि 4 घंटे 10 मिनट की होगी।

सूर्य ग्रहण कहां कहां दिखेगा?

यह सूर्य ग्रहण कनाडा, उत्तरी अमेरिका, मैक्सिको में दिखाई देगा। इसके अलावा कोस्टा रिका, क्यूबा, डोमिनिका, फ्रेंच पोलिनेशिया, जमैका, आयरलैंड, इंग्लैंड के उत्तर पश्चिम क्षेत्र, पश्चिमी यूरोप, पेसिफिक, अटलांटिक, आर्कटिक में ये ग्रहण दिखेगा। भारत में यह सूर्य ग्रहण नहीं दिखाई देगा।

क्या भारत में मान्य होगा इसका सूतक काल

डॉ. पियूष अवतार शर्मा ने बताया कि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए इसका सूतक काल भारत में मान्य नहीं होगा। यानी कि इस ग्रहण का भारत पर किसी प्रकार का भौतिक, आध्यात्मिक, सूतक या किसी अन्य प्रकार का धार्मिक प्रभाव नहीं पड़ने वाला है। ग्रहण के दौरान भारत में रहने वाले सभी लोगों के लिए सामान्य दिनचर्या होगी। उन्होंने कहा कि शास्त्रों की मानें तो ग्रहण जहां लगता है और जहां दिखता है वहीं इसका प्रभाव भी पड़ता है।

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54 साल बाद सबसे लंबा सूर्य ग्रहण

वर्ष 2024 का पहला सूर्य ग्रहण अपने आप में ही खास माना जा रहा है। 8 अप्रैल को लगने वाला पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा और ये काफी लंबा सूर्य ग्रहण माना जा रहा है। इस दिन सूर्य लगभग साढे़ चार मिनट तक ढका रहेगा। दोबारा ऐसा संयोग पूरे 54 साल बाद बना है। हालांकि, यह ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा। कनाडा, उत्तरी अमेरिका, मैक्सिको में यह सूर्य ग्रहण दिखाई देगा। इस पूर्ण सूर्य ग्रहण की शुरुआत दक्षिण प्रशांत महासागर से होगी। इससे पहले इस तरह का सूर्य ग्रहण वर्ष 1970 में दिखा था। भविष्य में इस प्रकार का सूर्य ग्रहण 54 साल बाद 2078 में दिखेगा।

कब लगता है सूर्य ग्रहण

यह एक खगोलीय घटना है जब पृथ्वी, सूर्य तथा चंद्रमा तीनों एक ही सीधी रेखा में होते हैं, इसके कारण पृथ्वी के एक भाग पर पूरी तरह से अंधेरा छा जाता है, इस खगोलीय घटना को ही पूर्ण सूर्य ग्रहण कहते हैं।

सूर्य ग्रहण के दौरान क्या न करे

डॉ. पियूष अवतार शर्मा ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान किसी सुनसान जगह, श्मशान पर अकेले नहीं जाना चाहिए। कहा जाता है कि इस दौरान नकारात्मक शक्तियां हावी रहती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहण के दौरान सोना नहीं चाहिए और ना ही सूई में धागा डालना चाहिए। इसके अतिरिक्त ग्रहण के दौरान यात्रा करने से भी बचना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार ग्रहण के दौरान कभी भी शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए है।

Dr.-Piyush-Avtar-Sharma

सूर्य ग्रहण के दौरान क्या करें

शास्त्रों के अनुसार सूर्य ग्रहण के बाद गंगाजल से स्नान करना चाहिए और पूरे घर और मंदिर आदि को शुद्ध करना चाहिए। ग्रहण के दौरान कभी भी सीधे सूर्य को नहीं देखना चाहिए। ग्रहण के दौरान बाहर जाने से भी बचना चाहिए। साथ ही किसी भी प्रकार का गलत काम करने से भी बचना चाहिए। ग्रहण के बाद हनुमान जी की उपासना करने का भी वर्णन कई पुस्तकों में देखने को मिलता है।

सूर्य ग्रहण के दौरान क्यों होता है खाना पीना वर्जित?

शास्त्रों में बताया गया है कि सूर्य ग्रहण से पहले लगने वाले सूतक काल से ही कुछ भी नहीं खाना चाहिए। वहीं स्कंद पुराण में भी उल्लेखित है कि सूर्य ग्रहण के दौरान भोजन करने से सेहत पर गलत असर पड़ता है। यह भी बताया गया है कि सूर्य ग्रहण के समय भोजन करने से सारे पुण्य और कर्म नष्ट हो जाते हैं।

सूर्य ग्रहण के दुष्प्रभाव को कम करने के उपाय

डॉ. पियूष अवतार शर्मा ने बताया कि ग्रहण के दुष्प्रभाव को कम करने का उत्तम उपाय गायत्री मंत्र का जाप या महामृत्युंजय मंत्र का जाप है। सूर्य ग्रहण के प्रभाव को कम करने के लिए इनमें से कोई एक मंत्र का जाप करने से दुष्प्रभाव कम हो जाते हैं।

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