अंतिम चरण के मतदान के बाद सभी राजनीतिक दलों की आंखे मतगणना पर टिकी हुई हैं। लेकिन इस लोकसभा चुनाव में कई प्रत्याशियों को उनके अजब गजब तरीके से किए गए प्रचार के लिए याद किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के तमाम प्रत्याशियों ने वोटरों को लुभाने के लिए सभी जतन किए हैं। अब देखना यह है कि प्रत्याशियों द्वारा किए गए अजब गजब तरीकों का चुनाव के नतीजों पर क्या और कितना असर होगा। तो आई जानते हैं प्रत्याशियों के अजब गजब कारनामे।
जूते की माला पहनकर किया चुनाव प्रचार
पश्चिमी उत्तर प्रदेश से शुरू हुए चुनावी समर में अलीगढ़ के निर्दलीय प्रत्याशी पंडित केशव देव गौतम का नाम आज भी जनता की जुबान पर चढ़ा हुआ है। वोटरों को लुभाने के लिए उन्होंने जूते और चप्पलों की माला पहनकर अपना प्रचार किया था। अलग तरह के चुनाव प्रचार के कारण जनता के बीच उनकी एक अलग ही पहचान बन गई।
आकर्षक स्लोगन से वोटरों का ध्यान खींचा
लखनऊ में मेरा अधिकार राष्ट्रीय दल (मर्द पार्टी) के प्रत्याशी अपने आकर्षक स्लोगन के चलते जनता के बीच चर्चा का विषय बने। चुनाव में मर्द पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं प्रत्याशी कपिल मोहन के दो स्लोगन ‘बेटों के सम्मान में, उतरे हैं मैदान में’ और ‘अगले जनम मोहे बेटा न कीजो’ जैसे स्लोगन के कारण चर्चा का केन्द्र बने रहे।
हेमा मालिनी की तर्ज पर किया चुनाव प्रचार
घोसी से सुनाव लड़ रहे सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओपी राजभर ने अपने बेटे अरविंद राजभर को जिताने के लिए हेमा मालिनी की तर्ज पर खेतों में जाकर गेहूं की फसल काटी। वहीं उनके बेटे ने तो भरी जनसभा में माफी मांगकर वोटरों की नाराजगी दूर करने का जतन तक किया।
पंजा लड़ाकर किया प्रचार
गोरखपुर से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी रवि किशन भी वोटरों को लुभाने के लिए कभी गाना गाकर तो कभी युवाओं से पंजा लड़ाकर प्रचार करते नजर आए। रवि किशन का पंजा लड़ाना जनता के बीच चर्चा का प्रमुख कारण रहा।
चुनावी सभाओं में किया डांस
भदोही निवासी छोटे कद के कार्यकर्ता चांद मोहम्मद का सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की सभाओं में डांस खासा लोकप्रिय हुआ। गोरखपुर की रैली में जब चांद मोहम्मद ने ‘सांसद जी हाजिर हों’ गाने पर डांस किया तो अखिलेश और प्रियंका के कदम भी थिरकने लगे।
गाना गाकर बटोरी सुखी
आजमगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी दिनेश यादव निरहुआ ने ‘अखिलेश हुए फरार, निरहुआ डटल बा’ गाना आजमगढ़ में बहुत फेमस हुआ। इस गाने के माध्यम से उन्होंने अखिलेश यादव को पूरी तरह से घेरने की कोशिश की थी।
श्मशान में बनाया चुनाव कार्यालय
गोरखपुर से निर्दलीय प्रत्याशी राजन यादव उर्फ अर्थी बाबा ने सुखियां बटोरने के लिए अलग ही लेवल का कारनामा किया। राजन यादव ने श्मशान घाट में अपना चुनाव कार्यालय खोलाकर रातों-रात सुर्खियों में आ गए। इतना ही नहीं उन्होंने अपना चुनाव प्रचार अर्थी पर लेटकर भी किया।
दौड़कर किया नामांकन
गाजीपुर में निर्दलीय प्रत्याशी सत्यदेव यादव हमेशा से अपने अनूठे अंदाज में नामांकन दाखिल करने के लिए जाने जाते हैं। इस वर्ष वह अपना नामांकन दाखिल करने दौड़कर गए। बता दें पूर्व के चुनावों में वह बैलगाड़ी और घोड़े से नामांकन करने भी गए थे। मजेदार बात यह है कि वह अबतक 28 बार चुनाव लड़ चुके हैं। सत्यदेव यादव चुनावी मैदान में नरेन्द्र मोदी और मुलायम सिंह यादव को भी चुनौती देने के लिए मैदान में उतर चुके हैं। हालांकि हमेशा उनकी जमानत जब्त होती है।
अनूठी शादी रही चर्चा में
लोकतंत्र के पर्व का रंग जमाने में मतदाता भी पीछे नहीं रहे। अलीगढ़ की एक शादी मतदाता जागरूकता अभियान में तब्दील हो गई। मतदाताओं को जागरूक करने के लिए शादी के कार्ड में अधिक मतदान के स्लोगन छपवाने के साथ ही फेरों के बाद अतिथियों को मतदान करने की शपथ भी दिलाई गई।
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