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Waqf Bill: संसदीय समिति ने राज्यों से मांगा वक्फ संपत्तियों का ब्योरा, सच्चर कमेटी की रिपोर्ट में जिक्र

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नई दिल्ली। वक्फ संशोधन विधेयक की जांच कर रही संसदीय समिति ने राज्य सरकारों से वक्फ संपत्तियों का ब्योरा मांगा है। सच्चर समिति की रिपोर्ट में वक्फ संपत्तियों पर कब्जे का उल्लेख कई राज्यों में किया गया था। संसदीय समिति ने राज्यों से वक्फ अधिनियम की धारा 40 के तहत वक्फ बोर्डों द्वारा दावा की गई संपत्तियों का भी विवरण मांगा है। बता दें कि संसदीय समिति का कार्यकाल अब बजट सत्र के अंतिम दिन तक बढ़ा दिया गया है।

क्या है धारा 40, क्यों हो रही है बहस?

बता दें 2013 में कांग्रेस सरकार ने वक्फ अधिनियम में संशोधन किया था। वक्फ संशोधन विधेयक पास होने के बाद से कानून की धारा 40 पर सबसे अधिक विवाद हो रहा है। दरअसल यह धारा वक्फ बोर्डों को यह तय करने का अधिकार देता है कि कोई संपत्ति वक्फ की है अथवा नहीं।

वर्तमान सरकार मौजूदा संशोधन विधेयक में इस पर ही अंकुश लगाने की तैयारी कर रही है। हालांकि विपक्षी दलों समेत कई मुस्लिम संगठनों ने सरकार के इस कदम की आलोचना की। उन्होंने विधेयक को धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करार दिया।

राज्यों से समिति ने मांगा कब्जे वाली वक्फ संपत्तियों का ब्योरा

संसदीय समिति ने राज्यों से उन वक्फ संपत्तियों का भी ब्योरा मांगा है, जहां पर राज्य सरकार या उनकी आधिकारिक एजेंसियों का कब्जा है। बता दें कि 2005 में बनी सच्चर समिति को विभिन्न वक्फ बोर्डों ने अधानिकृत कब्जों की जानकारी दी थी। संसदीय समिति केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के माध्यम से राज्यों से जानकारी जुटा रही है।

क्या है सच्चर समिति की रिपोर्ट में?

सूत्रों के अनुसार भाजपा सांसद जगदम्बिका पाल की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने पाया है कि 2005-06 में सच्चर समिति को दिल्ली में 316, राजस्थान में 60, कर्नाटक में 42, मध्य प्रदेश में 53, उत्तर प्रदेश में 60 और ओडिशा 53 संपत्तियां कब्जे वाली बताई गई थीं। समिति ने इन सभी छह राज्यों से जानकारी मांगी है। इसके अतिरिक्त समिति ने अन्य राज्यों से भी इसकी जानकारी मांगी है।

कानूनी विवाद वाली संपत्तियों का भी देना होगा ब्योरा

इतना ही नहीं समिति ने राज्य सरकारों से उन मामलों का विवरण मांगा है जहां उनकी एजेंसियां ​​किसी संपत्ति के स्वामित्व या कब्जे को लेकर वक्फ बोर्ड के साथ कानूनी विवाद में शामिल हैं। गौरतलब हो कि यूपीए सरकार ने भारत में मुस्लिम समुदाय की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक स्थिति का अध्ययन करने के लिए 2005 में सच्चर समिति का गठन किया था। इस समिति ने 2006 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की।

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