Ram Mandir: विध्वंस, विवाद और निर्माण, श्रीराम जन्म भूमि अयोध्या का इतिहास

1- अयोध्या और राम अयोध्या और राम का नाम हमेशा से आपस में जुड़ा हुआ है। राम मंदिर को लेकर सनातनियों के हृदय में अलग ही स्थान है। अयोध्या सदियों से विवादों और परिवर्तनों की मार झेलता रहा है। वर्तमान में यह मंदिर आस्था, विश्वास और राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक बनकर उभरा है।

2- किसने बसाई थी अयोध्या ग्रंथों के अनुसार अवध नगरी अयोध्या को श्री राम के पूर्वज विवस्वान (सूर्य) के पुत्र वैवस्वत मनु ने बसाया था। वैवस्वत मनु सूर्य के पुत्र होने के कारण उनको सूर्यवंशी कहा जाता है। ग्रंथों के अनुसार महाभारत काल तक अयोध्या में सूर्यवंशी राजाओं का शासन रहा।

3- अयोध्या ने देखे हैं कई उतार-चढ़ाव विभिन्न ग्रंथों के अनुसार अयोध्या नगरी ने अब तक कई उतार चढ़ाव देखे हैं। भगवान श्री राम के शासन काल को अब तक का सबसे अच्छा शासन काल कहा जाता है। किन्तु श्री राम के जल समाधि लेने के बाद अयोध्या कुछ समय के लिए उजाड़ हो गई थी। श्री राम के पुत्र कुश ने फिर से अयोध्या का पुनर्निर्माण कराया और इसके बाद सूर्यवंश की 44 पीढ़ियों तक इसका अस्तित्व चरम पर रहा। इसके बाद महाभारत काल में हुए युद्ध के बाद एक बार फिर से अयोध्या उजाड़ हो गई। 

4- मुगलकाल में कई बार तोड़ा गया राम मंदिर मुगलकाल के दौरान कई बार राम मंदिर को तोड़ा गया और कई बार इसे बनाया गया। मुगलकाल के दौरान अयोध्या नगरी को नष्ट करने के लिए कई बार अभियान भी चलाए गए। इसी अभियान के क्रम में राम मंदिर में बाबरी ढांचा बनाया गया और बाद में भव्य मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनवाया गया।

5- अयोध्या में श्रीराम जन्म भूमि का इतिहास अवध नगरी अयोध्या को श्री राम के पूर्वज सूर्य के पुत्र वैवस्वत मनु ने बसाया था। अयोध्या राम जन्म भूमि देश के सबसे लंबे चलने वाले केस में एक है। राम जन्मभूमि का इतिहास बहुत पुराना है. वर्ष 1528 से लेकर 2023 तक इन 495 वर्षों में श्रीराम जन्म भूमि में कई मोड़ आए। किन्तु 9 नवंबर 2019 का दिन इस मामले में बेहद खास रहा, जब 5 जजों की संवैधानिक बेंच ने हिन्दुओं के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला सुनाया।