जम्मू-कश्मीर में आयोजित होने वाली तीन दिवसीय टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की बैठक सोमवार से शुरू हो गई है। जानकारी के अनुसार इस तीन दिवसीय बैठक में 25 देशों के 150 प्रतिनिधि शामिल होने की खबरे सामने आ रही है।
इस के साथ ही भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान के कुछ करीबी सदस्य ने इस बैठक में शामिल नही होने का फैसला किया है जिन में चीन, तुर्की, सऊदी अरब ने इस बैठक से दूरियां बना ली है।वहीं पाकिस्तान की मीडिया ने इस बात को लेकर खुशी जाहिर की हैं।
जानकारी के अनुसार पाकिस्तान की सरकार पिछले काफी समय से लोगों से इस बैठक का बहिष्कार करने की अपील कर रही थी। हालांकि इस देशों ने अपने राजनीतिक कारणों के वजह से इस बैठक में हिस्सा नही लिया हैं।
क्या भारत को इस से कोई फर्क पड़ेगा?
दरअसल, चीन, तुर्की, सऊदी अरब के इस बैठक में शामिल न होने भारत के लिए एक छट्के के रूप में देखा जा रहा हैं। अधिकारियों का कहना है कि दुनिया के सबसे ताकतवर क्लब जी-20 के सदस्य देशों की भागीदारी को भारत के रुख के समर्थन के तौर पर देखा जा रहा है।
आप को बता दे 5 अगस्त 2019 यह वो तारीख है जब भारत ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटा कर विशेष राज्य राज्य के दर्जे को खत्म कर दिया था। जिस के बाद इस बात से गुस्सए पाकिस्तान ने भारत के साथ कई व्यपारिक संबंधों को खत्म कर लिया था।
सिर्फ यही नही उस समय तुर्की ने भी भारत द्वारा अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के भारत के फैसले की आलोचना की थी पर वहीं इस मुद्दे पर सऊदी असब ने कोई खास प्रतिक्रिया नही दी थी यह वजह है कि इन देशों को बैठक में शामिल न होना कई सवाल खड़े करता है।