पिछले काफी समय से नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने एक बार फिर से चीन के आगे हाथ फैलाएं हैं। पहले से ही कर्ज से दबे पाकिस्तान ने एक बार फिर चीन से 1.4 अरब अमेरिकी डॉलर कर्ज का मांगा है। बता दें चीन से पहले ही पाकिस्तान 4.3 अरब अमेरिकी डॉलर का कर्ज ले चुका है।
एक रिपोर्ट के अनुसार वॉशिंगटन में हुई आईएमएफ और विश्व बैंक की वार्षिक बैठक में पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने चीन के वित्त उप मंत्री लियाओ मिन से मुलाकात के दौरान मुद्रा विनिमय समझौते के तहत सीमा को 5.7 अरब डॉलर तक बढ़ाने का अनुरोध किया।
पहले भी पाकिस्तान कर चुका है ऋण सीमा बढ़ाने की मांग
जानकारी के अनुसार पहले भी पाकिस्तान चीन से ऋण सीमा बढ़ाने की मांग कर चुका है। लेकिन चीन ने उसकी इस मांग को खारिज कर दिया। करीब दो सप्ताह पहले ही चीन ने 4.3 अरब अमेरिकी डॉलर के कर्ज की सीमा को अगले तीन साल के लिए बढ़ाया है। पाकिस्तान और चीन ने एक यात्रा के दौरान मुद्रा विनिमय समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसके बाद पाकिस्तान की ऋण चुकाने की अवधि 2027 तक बढ़ गई थी।
पाकिस्तान पर है 26.48 अरब डॉलर का विदेशी ऋण
जानकारी के अनुसार वर्तमान में पाकिस्तान पर 26.48 अरब डॉलर का विदेशी ऋण है। इस अवधि में ब्याज व्यय के रूप में 3.86 अरब डॉलर का भुगतान होना है। पाकिस्तान के ऋणों का पुनर्भुगतान और ब्याज भुगतान 37 महीने की ऋण अवधि के माध्यम से नवीनतम सात अरब डॉलर की आईएमएफ विस्तारित निधि सुविधा के तहत पूरी तरह से सुरक्षित हैं।
मध्यपूर्व बैंकों से भी मांगा कर्ज
बढ़ते कर्ज के बोझ को कम करने के लिए पाकिस्तान ने मध्य पूर्व क्षेत्र की बैंकों से भी चार अरब अमेरिकी डॉलर का कर्ज मांगा था। यह रकम पाकिस्तान ने सात अरब अमेरिकी डॉलर की विस्तारित निधि सुविधा से मांगी थी, जो कि मंजूरी के लिए विश्व मुद्रा कोष में लंबित है।
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