अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के फैसले ने परमाणु युद्ध के मुहाने पर दुनिया को लाकर खड़ा कर दिया। अमेरिका के इस फैसले को देखते हुए रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को एक अहम फैसले के अंतरगत संशोधित परमाणु नीति पर हस्ताक्षर किया है।
नई नीति के तहत अगर कोई देश किसी परमाणु युद्ध संपन्न देश की मद्द से रूस पर हमला करता है तो इसे देश पर संयुक्त हमला माना जाएगा और ऐसी स्थिति में रूस की सरकार परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कुछ शर्तों पर कर सकेगी। ब्लादिमीर पुतिन ने यह फैसला रूस युक्रेन युद्ध के एक हजार दिन पूरे होने के अवसर पर लिया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन के फैसले ने बढ़ाया परमाणु युद्ध का खतरा
बात दें अमेरिका में हुए चुनाव में बाइडन की सरकार को हार का सामना करना पड़ा। ट्रम्प अमेरिका का अगले राष्ट्रपति बनेंगे। ट्रम्प जनवरी में राष्ट्रपति का पद संभालेंगे। जो बाइडन की सरकार ने जाते जाते यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइलों से रूस के भीतर हमले की मंजूरी दे दी है।
इस पर रूस ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए मुंहतोड़ जवाब देने की बात कही थी। पुतिन द्वारा संशोधित परमाणु नीति पर हस्ताक्षर के कदम को भी बाइडन के फैसले का ही जवाब माना जा रहा है। रूस की नई परमाणु नीति में ये प्रावधान किया गया है कि रूस पर अगर बड़े पैमाने पर हवाई हमला होता है तो उसके जवाब में रूस परमाणु हथियार का इस्तेमाल कर सकता है।
बाइडन ने क्या लिए नए निर्णय
गौरतलब हो कि यूक्रेन की सेना द्वारा अमेरिकी की लंबी दूरी की मिसाइलों का इस्तेमाल पहले भी किया जा रहा था, लेकिन ये इस्तेमाल सिर्फ सीमावर्ती इलाकों तक सीमित था। अब सत्ता से जाते जाते बाइडन ने बड़ा फैसला लेते हुए यूक्रेन को रूस के भीतर भी लंबी दूरी की मिसाइलों से हमले की मंजूरी दे दी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस मंजूरी से रूस के सैन्य अड्डे, सैनिक प्रतिष्ठान और अन्य अहम ठिकानें यूक्रेन के निशाने पर आ गए हैं। इससे रूस-यूक्रेन युद्ध की पूरी तस्वीर बदल सकती है। रूस ने अमेरिका के इस कदम की आलोचना करते हुए इसे रूस युद्ध भड़काने की कोशिश करार दिया।
नई नीति में पुतिन ने किए ये बदलाव
जानकारी के अनुसार रूस की पूर्व की परमाणु नीति के तहत सिर्फ रूस या इसके सहयोगियों पर बैलिस्टिक मिसाइल के हमले की विश्वसनीय सूचना के बाद ही रूस परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता था, लेकिन अब नई नीति के तहत पुतिन ने बैलिस्टिक मिसाइल के साथ ही, क्रूज मिसाइल, बड़े पैमाने पर ड्रोन हमले या अन्य उड़ने वाले वाहनों के जरिए हमले की स्थिति में भी परमाणु हथियार के इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है।
खास बात ये है कि पुरानी नीति में रूस के सहयोगी बेलारूस पर हमले की स्थिति में भी रूस द्वारा परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने का प्रावधान था, लेकिन संशोधित नीति में ये प्रावधान हटा दिया गया है।
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