लंबी लड़ाई के बाद विद्रोही समूह अल-नुशरा फ्रंट ने सीरिया की राजधानी दमिश्क पर कब्जा कर लिया है और उसने बशर अल-असद की सरकार को गिराने का दावा किया है। इस बीच ईरान के सरकारी टेलीविजन ने सीरिया में उनके दूतावास पर हमला होने की जानकारी दी है। अल-नुशरा फ्रंट जिसे हयात तहरीर अल-शाम या एचटीएस भी कहा जाता है, उसने सबसे पहले देश के अलेप्पो शहर पर कब्जा किया था, जिसके बाद उसने होम्स, दारा शहरों पर नियंत्रण पाने का दावा किया। विद्रोही समूह ने अंत राजधानी दमिश्क पर कब्जा करने की घोषणा की।
ईरानी सरकारी टेलीविजन ने सीरिया में दूतावास पर हमले के दिखाए फुटेज
सत्ता पलट की खबर के कुछ देर बाद ही ईरानी टीवी चैनल ने बताया कि कुछ अज्ञात हमलावरों ने सीरिया में बने ईरान के दूतावास पर हमला किया है। चैनल ने अल-अरबिया नेटवर्क से मिले वीडियो फुटेज भी जारी किए, जो दूतावास परिसर के अंदर के थे।
ईरान के अखबार तेहरान टाइम्स से प्राप्त जानकारी के अनुसार हमले से पहले दूतावास के सभी ईरानी राजनयिक वहां से सुरक्षित स्थानों पर चले गए थे। रिपोर्ट के अनुसार दूतावास के कर्मचारी पूरी तरह से सुरक्षित हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि विद्रोह समूहों के दूतावास पर हमला किया है। हालांकि खबर लिखे जाने तक इस आरोप की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो पाई है।
ईरान ने किया विद्रोही समूहों और अल–असद सरकार से बातचीत का आह्वान
ईरान के अधिकारियों ने अभी तक बशर अल-असद की सरकार के पतन पर कोई टिप्पणी नहीं की है। शनिवार को विद्रोही समूहों ने अपनी सैन्य कार्रवाई जारी रखी थी। परंतु सीरीया की राजधानी दमिश्क पर तब तक नियंत्रण नहीं पाया था। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघजी ने सीरिया की सरकार और विद्रोही समूहों से बातचीत का आह्वान किया था।
ईरान विद्रोही समूहों को मानता था आतंकवादी गुट
ईरान के बातचीत के आह्वान को ईरान की रणनीति में अहम मोड़ माना जा रहा है क्योंकि पहले ईरान विद्रोही समूहों को आतंकवादी गुट मानता था और उन्हें वैध विपक्ष नहीं मानता था। विद्रोही समूहों ने जब सीरिया में हमले तेज किए थे तब अराघची ने एक दिसंबर को दमिश्क का दौरा भी किया था।
यह दौरा बशर अल-असद की अंतिम सार्वजनिक मौजूदगी के दौरान हुआ था। जिसमें ईरानी अधिकारी भी उनके साथ थे। ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियां ने भी दो दिसंबर को बशर अल-असद के साथ फोन पर बातचीत की और ईरान का समर्थन जताया था।
ईरान का असद सरकार को था समर्थन
बता दें कि 2011 से सीरिया में गृह युद्ध जारी है, जिसमें ईरान ने हमेशा सीरिया का समर्थन किया है और बशर अल-असद की सरकार के अनुरोध पर सैन्य सलाहकार भी भेजे थे। सीरिया में ईरानी रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स के कई कमांडर मारे गए थे। हालांकि इनमें से कुछ इस्राइल के हमलों में भी मारे गए थे।
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