जौनपुर के पूर्व बाहुबली सांसद धनंजय सिंह को अखिरकार जमानत मिल ही गई। बरेली सेंट्रल जेल से रिहाई के बाद बाहर आते ही मीडिया के सामने कहा कि उन्हें फर्जी मुकदमे में सजा हुई है। उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी श्रीकला रेड्डी जौनपुर से बसपा की लोकसभा प्रत्याशी हैं।
गौरतलब हो कि हाईकोर्ट ने बीते दिनों धनंजय सिंह की रिहाई का आदेश दे दिया था उसके बाद उन्हें जौनपुर से बरेली जेल शिफ्ट किया गया था। सत्यापन रिपोर्ट आने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट ने धनंजय सिंह की रिहाई का आदेश जारी कर दिया।
जिला कारागार में रिहाई का आदेश मिलने के बाद उसे सेंट्रल जेल भेज दिया गया। अमूमन तहसील व थाने से जमानतदारों का सत्यापन होने में कई दिन लग जाते हैं।
बता दें एमपी-एमएलए कोर्ट ने छह मार्च को धनंजय सिंह और संतोष विक्रम को सात वर्ष का कारावास व प्रत्येक को डेढ़ लाख रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई थी। दोनों की ओर से अर्थदंड की राशि जमा करा दी गई थी।
क्या है मामला
मुजफ्फरनगर निवासी नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने 10 मई 2020 को लाइन बाजार थाने में अपहरण, रंगदारी व अन्य धाराओं में धनंजय व उनके साथी संतोष विक्रम पर प्राथमिकी दर्ज करवाई थी, कि 10 मई 2020 को साढ़े पांच बजे संतोष विक्रम दो साथियों के साथ उनका अपहरण कर पूर्व सांसद धनंजय सिंह के आवास पर ले गए।
जहां धनंजय सिंह पिस्टल लेकर आए और गालियां देते हुए कम गुणवत्ता वाली सामग्री की आपूर्ति करने के लिए दबाव बनाया। इनकार करने पर धमकी देते हुए रंगदारी मांगी। पुलिस ने विवेचना कर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी। गवाहों के बयान व दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने धनंजय सिंह व संतोष विक्रम को सजा सुनाई थी।
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