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Haryana: क्या हरियाणा में कांग्रेस और AAP मिलकर लड़ेगी चुनाव; किसे होगा गठबंधन का लाभ?

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नई दिल्ली। हरियाणा में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है सभी राजनैतिक दल अपनी अपनी तैयारी में जुट गए है। वहीं कांग्रेस इस चुनाव में बीजेपी को पटखनी देकर किसी भी कीमत पर जीत हांसिल करना चाहती है। बात अगर भूपेन्द्र हुड्डा की करें तो उन्हें लगता है कि इस बार राज्य में चुनावी माहौल उनके बेहद अनुकूल है।

लोकसभा चुनाव में अच्छी खासी सीट निकाल लेने के बाद कांग्रेस में भी एक नई ऊर्जा का संचार हो गया है और वह हरियाणा चुनाव में किसी भी तरह की कमजोरी सामने नहीं आने देना चाहती। सूत्रों की माने तो अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए कांग्रेस आम आदमी पार्टी के साथ हाथ मिला सकती है।

हरियाणा में भाजपा को हराने और अपनी जीत निश्चित करने के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस विधानसभा चुनाव में एक साथ मैदान में उतर सकते हैं। सूत्रों की माने तो दोनों ही पार्टियों के वरिष्ठ नेता जल्द ही मुलाकात कर गठबंधन की सभी संभावनाओं को तलाश सकते हैं। मान जा रहा है कि यदि सीटों पर दोनों ही पार्टियों में तालमेल बन गया तो दोनों ही दल गठबंधन की औपचारिकता पूरी कर सकते हैं। माना जा रहा है कि दोनों ही दलों के बीच सीट के बटवारे को लेकर विवाद है।

बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच सीटों को लेकर तालमेल बना था। हालांकि लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को कोई फायदा नहीं हुआ था लेकिन आम आदमी पार्टी और कांग्रेस भाजपा के वोट प्रतिशत को कम करने में काफी हद तक सफल रहे थे और भाजपा को इसका भारी नुकसान भी हुआ था।

माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव वाले प्रयोग को हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान भी प्रयोग किया जा सकता है जिससे भाजपा को तीसरी बार सत्ता में आने से रोका जा सके। गौरतलब हो कि इससे पूर्व भी कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के साथ मिलकर दिल्ली में चुनाव लड़ा था लेकिन उसके बाद भी वह भाजपा को दिल्ली में रोकने में नाकामयाब रहे थे।

जानकारी के अनुसार भूपेन्द्र हुड्डा सहित तमान कांग्रेसियों को लगता है कि वर्तमान में राज्य का चुनावी माहौल उनके पक्ष में है। ऐसे में वह इस मौके को पूरी तरह से भूनाना चाहते हैं और किसी भी प्रकार की कमजोरी को अपने सामने नहीं आने देना चाहते हैं। कांग्रेस की रणनीति के तहत आम आदमी पार्टी से समझौता कर थोड़ा सा भी वोट कटने से रोकना इसी रणनीति का नतीजा बताया जा रहा है।

कांग्रेस सूत्रों की माने तो दोनों दलों में बातचीत का यह फॉर्मूला कांग्रेस नेता वेणुगोपाल और  दीपक बाबरिया की पहल है जिसमें दोनों नेताओं ने आम आदमी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की जरूरत बताई है। कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि दो दिन पूर्व हरियाणा कांग्रेस के कुछ नेताओं ने राहुल गांधी से मुलाकात की थी।

इस मुलाकात में भी आम आदमी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने या अकेले चुनाव में उतरने के मुद्दे पर चर्चा हुई थी। सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर नेताओं को आपसी विचार विमर्श के बाद अंतिम राय देने के लिए कहा गया था। इसके बाद सभी शीर्ष नेताओं से बातचीत के बाद ही केसी वेणुगोपाल और दीपक बाबरिया को इस गठबंधन का फार्मूला निकालने के लिए कहा गया है। 

वहीं आम आदमी पार्टी के सूत्रों के अनुसार पार्टी की ओर से संदीप पाठक और राघव चड्डा को कांग्रेस से बातचीत के लिए अधिकृत किया गया है। जानकारी के अनुसार आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस नेतृत्व के सामने दस सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग रखी है।

पार्टी में चर्चा है कि कांग्रेस केजरीवाल को पांच से सात सीटें देने पर सहमत हो सकती है। इसमें सीटों के चुनाव को लेकर भी दोनों दलों के बीच तालमेल फंस सकता है। हालांकि आम आदमी पार्टी के एक नेता ने कहा कि फॉर्मूला तय हो जाने के बाद सीटों के चयन पर विचार किया जा सकता है।

आम आदमी पार्टी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए बेहतर तैयारी की है। उसके नेता लगातार चुनावी सभाएं कर राज्य में पार्टी के लिए राजनीतिक माहौल बनाने का काम कर रहे हैं।

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