दिल्ली। हरियाणा के नूंह में सोमवार को बृजमंडल शोभायात्रा के दौरान भड़की हिंसा में मोनू मानेसर का नाम सामने आ रहा है। गुरूग्राम के मानेसर के रहने वाले मोनू मानेसर का असली नाम मोहित यादव है। मोनू मानेसर का नाम पहली बार हरियाणा के भिवानी में लोहारू के बारवास गांव के पास हुए दोहरे हत्याकांड में सामने आया था। हालांकि हरियाणा सरकार मोनू मानेसर को नूंह हिंसा में निर्दोश बता रही है। जानकारी के अनुसार पुलिस ने मोनू मानेसर को यात्रा में शामिल होने से पहले ही रोक लिया था।
कौन है मोनू मानेसर
मोनू मानेसर गुरूग्राम के मानेसर का रहने वाला है। मोनू मानेसर का असली नाम मोहित यादव है। 28 साल के मोनू मानेसर हरियाणा के भिवानी में लोहारू के बारवास गांव के पास नासिर और जुनैद हत्याकांड का मुख्य आरोपी है। बता दे की 16 फरवरी को हरियाणा के भिवानी में लोहारू के बारवास गांव के पास जली हुई बोलेरो मिली थी। बोलेरो में पुलिस को जली हुई अवस्था में दो कंकाल मिले थे। मृतकों की पहचान नासिर और जुनैद के रूप में हुई थी। पुलिस ने नासिर और जुनैद की हत्या में मोनू मानेसर को मुख्य आरोपी बनाया था। पहली बार मोनू मानेसर का नाम इसी मामले से प्रकाश में आया था। इसी मामले में वह फरार चल रहा है। जानकारी के अनुसार फिरोजपुर झिरका के विधायक मामन खां इंजीनियर भी विधानसभा में मोनू मानेसर को प्याज की तरह फोड़ने का बयान दे चुके है। सूत्रों के अनुसार मोनू मानेसर बजरंग दल और गौ रक्षा दल के साथ भी जुड़ा हुआ है।
मोनू मानेसर की वीडियो से भड़की आग
कुछ लोगों का कहना है कि नूंह से शुरू हुए उपद्रव की जमीन एक दिन पहले ही मोनू मानेसर की वीडियो वायरल होने के साथ ही तैयार हो गई थी। जारी वीडियो में मोनू मानेसर ने मेवात मे हो रही बृजमंडल शोभायात्रा में शामिल होने की बात कही थी। वीडियो में मोनू ने लोगों से भी इस यात्रा में भाग लेने का न्योता दिया था। लोगों का कहना है कि मोनू मानेसर का यही बयान बवाल का मुख्य कारण था। इस बयान का जवाब देते हुए दूसरे समुदाय के लोगों विरोध जताते हुए परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी।
पुलिस ने यात्रा में पहुंचने से पहले ही मोनू मानेसर को रोका
जानकारी के अनुसार मोनू मानेसर के आने की खबर पर पुलिस ने कार्यवाही करते हुए मोनू मानेसर को मानेसर में ही रोक दिया था। जानकारी के अनुसार पुलिस को आशंका थी की मोनू मानेसर के यात्रा में पहुचने से माहौल खराब हो सकता है। पुलिस ने सावधानी बरतते हुए मोनू को मानेसर में ही रोक दिया था।
सोशल मीडिया पर एक्टिव है मोनू मानेसर
जानकारी के अनुसार मोनू मानेसर सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहता है। उसके फेसबुक पर लगभग 83 हजार और यूट्यूब पर 2 लाख से ज्यादा फॉलोवर्स है। पिछले काफी समय से मोनू गोरक्षा दल से भी जुड़ा हुआ है। अक्सर वह गोरक्षा से जुड़े वीडियो अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपडेट करता है। नूंह में हुई हिंसा से एक दिन पहले भी मोनू मानेसर ने एक वीडिया अपने सोशल मीडिया प्लेट फार्म पर अपलोड की थी। इस वीडियो में उसने कहा था की वह शोभायात्रा में शामिल होने के लिए नूंह आ रहा है। साथ ही उसने लोगों से भी इस यात्रा में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने की मांग की थी।
दोहरे हत्याकांड में नाम आने के बाद से ही था वांटेड
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार नासिर-जुनैद हत्याकांड के बाद से ही मोनू मानेसर समुदाय विशेष के निशाने पर था। गोरक्षा दल से जुड़ने के बाद से उसके विरोधियों की संख्या एकदम से बढ़ गई थी और वह मोनू मानेसर को सबक सिखाना चाहते थे। मोनू से समुदाय विशेष की दुश्मीन का अनुमान फिरोजपुर झिरका के विधायक मामन खां इंजीनियर के बयान से लगाया जा सकता है। मामन खां ने विधानसभा में मोनू मानेसर को प्याज की तरह फोड़ने जैसा बयान सार्वजनिक रूप से देख चुके हैं।