राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह: सुरक्षा की दृष्टि से भारत भाग्यशाली नहीं, नहीं बैठ सकते हाथ पर हाथ धरे, जाने क्यों रक्षा मंत्री ने कही ये बात?

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भारत सुरक्षा के की दृष्टि से बहुत भाग्यशाली नहीं है, क्योंकि हमारी उत्तरी सीमा और पश्चिमी सीमा लगातार चुनौतियों का सामना कर रही है यह बात रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहीं।

वह मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में राज्य के दो दिवसीय दौरे पर आए हुए हैं। जहां दो सदी से अधिक पुरानी महू छावनी में सैन्य कर्मियों को संबोधित कर रहे थे। बता दें इंदौर से 25 किमी दूर महू छावनी में तीन प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान ‘आर्मी वॉर कॉलेज’, ‘मिलिट्री कॉलेज ऑफ टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग’ और ‘इन्फैंट्री स्कूल’ हैं। इसके अतिरिक्त ‘इन्फैंट्री म्यूजियम’ और ‘आर्मी मार्कस्मैनशिप यूनिट’ भी है।

दुश्मनों से बेफिक्र नहीं रह सकते: राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह ने सैन्यकर्मियों से कहा कि हमें आंतरिक मोर्चे पर भी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी असुरक्षा के साथ हम बेफिक्र नहीं हो सकते। हमारे दुश्मन चाहे आंतरिक हों या बाहरी हमेशा सक्रिय रहते हैं। इन परिस्थितियों में हमें उनकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखनी चाहिए और उनके खिलाफ उचित और समय पर प्रभावी कदम उठाने चाहिए।

उन्होंने कहा कि भारत को 2047 तक एक विकसित और आत्मनिर्भर देश बनाने के लिए सेना की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि देश के रक्षा मंत्री के रूप में मैं आपको बताना चाहूंगा कि हमें हमेशा सतर्क रहना चाहिए। जब मैं यहां आया और जिस अनुशासन और समर्पण के साथ आप प्रशिक्षण ले रहे हैं, उसे देखकर मैं बहुत प्रभावित हुआ। आपका प्रशिक्षण किसी युद्ध से कम नहीं है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि अनुशासन के इस स्तर को बनाए रखने के लिए समर्पण और दृढ़ विश्वास की आवश्यकता होती है। सिंह ने कहा कि वह देश भर में सैन्य प्रतिष्ठानों और छावनियों में साफ-सफाई से प्रभावित हैं।

जिम्मेदारी की भावना सभी के लिए है प्रेरणादायक

कार्यक्रम में राजनाथ सिंह ने कहा कि काम के प्रति आपकी लगन मुझे प्रेरित करती है। मैं कह सकता हूं कि सबसे आकर्षक बात है काम के प्रति आपकी लगन और जिम्मेदारी की भावना। यह हम सभी के लिए प्रेरणादायी है।

इससे पहले, सिंह ने थल सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी के साथ महू में डॉ. बी. आर. अंबेडकर के स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। भारत के संविधान के मुख्य निर्माता डॉ. आंबेडकर का स्मारक महू छावनी के काली पलटन इलाके में उनके जन्मस्थान पर बनाया गया है।

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