लगातार बढ़ रहे प्रदूषण के स्तर को देखते हुए दिल्ली सरकार ने सरकारी दस्तरों में काम करने वाले कर्मचारियों के समय में बदलाव करने का फैसला लिया है। नए समय के अनुसार अब नगर निगम, दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के कार्यालयों में अलग-अलग समय पर काम होगा।
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट में इस संबंध में जानकारी दी। नए आदेश के अनुसार यातायात और वायु प्रदूषण को कम करने में मदद के लिए दिल्ली के सरकारी कार्यालय व्यस्त समय में अलग-अलग कार्य घंटों का पालन करेंगे। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।
गुरुवार को दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने एक्स पर जानकारी देते हुए लिखा कि सड़कों पर ट्रैफिक जाम और प्रदूषण को कम करने के लिए अब दिल्ली के सरकारी कार्यालय अलग अलग समय पर खुलेंगे। साथ ही उन्होंने समय की भी जानकारी दी।
जानकारी के अनुसार दिल्ली नगर निगम के दफ्तर सुबह 8.30 बजे से शाम पांच बजे तक खुलेंगे। वहीं केंद्र सरकार के कर्मचारी सुबह 9 बजे दफ्तर जाएंगे और 5.30 बजे छुट्टी हो जाएगी। दिल्ली सरकार के कर्मचारियों को सुबह 10 बजे आफिस पहुंचना होगा और शाम 6.30 बजे तक काम करना होगा।
पांचवीं तक के स्कूल ऑनलाइन, दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप-3 लागू
गौरतलब हो कि दिल्ली में औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 424 पहुंचने के साथ केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस सिस्टम (ग्रेप)-3 की पाबंदियां लागू कर दी हैं। वहीं दिल्ली में छोटे बच्चों के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए सरकार ने 5वीं कक्षा तक के स्कूलों को बंद करने के फैसला लिया है। स्कूल अगले आदेश तक बंद रहेंगे। इस बीच बच्चों की ऑनलाइन कक्षाएं संचालित होंगी।
ग्रैप-3 में सरकार ने दी लोगों के लिए सीएक्यूएम की सलाह
- इसके तहत कम दूरी के लिए लोग साइकिल का करें प्रयोग करें या पैदल चलें।
- इसके साथ ही संभव होने पर कार पूलिंग का सहारा लें।
- सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करें।
- दफ्तर से अनुमति मिलने पर वर्क फ्रॉम होम पर चले जाएं।
- निर्माण कार्य समेत दूसरी प्रदूषण पैदा करने वाली गतिविधियों का रोकें।
विशेषज्ञ ने दी प्रदूषण से बचने की सलाह
बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए विशेषज्ञों का कहना है कि घर से बाहर निकलते समय प्रदूषण के स्तर की जांच अवश्य कर लें। वायु प्रदूषण गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। प्रदूषण के कारण श्वसन, हृदय और मस्तिष्कवाहिकीय प्रणालियों से संबंधित कई तरह की दिक्कतों का खतरा रहता है।
इतना ही नहीं वायु प्रदूषण के लंबे समय तक संपर्क में रहने के कारण दीर्घकालिक बीमारियां और इससे मृत्यु का भी जोखिम हो सकता है। इसके प्रतिकूल प्रभाव विशेष रूप से कमजोर आयु वर्ग वाले लोग जैसे कि बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों में अधिक देखी जाती रही है। ऐसे लोगों को विशेष सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता है।
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