बरेली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने उत्तर प्रदेश के बरेली शहर के रुहेलखंड विश्वविद्यालय को प्रथम श्रेणी का दर्जा दिया गया है। प्रथम दर्जा मिलने के साथ ही रुहेलखंड विश्वविद्यालय देश के सर्वोच्च विश्वविद्यालयों की श्रेणी में आ गया है।
इतना ही नहीं इस उपलब्धि के मिलने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बरेली और रुहेलखंड विश्वविद्यालय की पहचान बनेगी। इसके साथ ही यहां ऑनलाइन कोर्सेस शुरू हो सकेंगे इसके साथ ही यूजीसी के सभी अनुदान भी मिल सकेंगे।
गौरतलब हो कि पिछले साल नैक मूल्यांकन में विश्वविद्यालय ने ए डबल प्लस ग्रेड हासिल किया था। इस बात की जानकारी यूजीसी ने कुलपति को दी।
इस स्वीकृति से विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ भी बिना किसी बाधा के शोध के नए अवसर और साझा अनुसंधान के अवसर मिलेंगे। साथ ही विश्वविद्यालय की डिग्री की स्वीकार्यता बढ़ेगी।
बता दें इस उपलब्धी के बाद यूजीसी स्तर पर विश्वविद्यालय को अधिक स्वतंत्रता मिलेगी और कम औपचारिकताएं निभानी होगी। अब अधिकांश शैक्षणिक निर्णय विश्वविद्यालय स्वयं लेने में सक्षम होगा। जबकि पहले अधिकांश कार्यों के लिए विश्वविद्यालय को यूजीसी की अनुमति लेनी होती थी।इनके लिए भी मिलेगा अनुदान
विश्वविद्यालय को अब तक यूजीसी से वाई-फाई जोन, पेपरलेस कार्य, शिक्षण-प्रशिक्षण संस्थान, शिक्षकों की विदेश यात्रा को लेकर अनुदान नहीं मिला था। प्रथम श्रेणी में आने के बाद विश्वविद्यालय को यूजीसी की सभी प्रकार की अनुमति मिल सकेंगी।
पिछले साल विश्वविद्यालय को दूरस्थ शिक्षा प्रदान करने की अनुमति मिली थी। अब ऑनलाइन कोर्सेस का संचालन हो सकेगा। इससे विदेशी छात्र भी आसानी से विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर सकेंगे। साथ ही विदेशी शिक्षक भी विश्वविद्यालय से जुड़ सकेंगे।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केपी सिंह ने विश्वविद्यालय की इस उपलब्धि के लिए शिक्षकों, कर्मचारियों, प्राचार्यों और विद्यार्थियों को श्रेय दिया।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अब ऑनलाइन कोर्सेस संचालित कर सकेगा। साथ ही यूजीसी से सभी प्रकार के अनुदान प्राप्त करने के लिए सक्षम हो गया है। इसका लाभ विद्यार्थियों को भी मिलेगा।
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