मंगलवार अर्थात 22 अक्टूबर से 16वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन शुरू हो गया है। इस वर्ष इस सम्मेलन की मेजवानी रूस करेगा। यह सम्मेलन रूस के कजान में होगा। यहां सभी ब्रिक्स देशों के बीच में कई बैठकें होगी। इस वर्ष यह शिखर सम्मेलन उस वक्त हो रहा है जब दुनिया में कई मोर्चों पर युद्ध चल रहा है। जहां एक तरफ रूस-यूक्रेन बीते ढाई साल से जंग में उलझे हुए हैं तो वहीं दूसरी तरफ पश्चिम एशिया में इजरायल और हमास के बीच शुरू हुआ युद्ध वर्तमान में कई मोर्चों पर संघर्ष जारी है।
ब्रिक्स क्या है?
ब्रिक्स शब्द अंग्रेजी अक्षरों BRICS से मिलकर बना है। ब्रिक्स दुनिया की उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं का एक समूह है। जैसा कि नाम से अनुमान लगाया जा सकता है, ये देश हैं – ब्राजील, रुस, भारत(India), चीन और दक्षिण अफ्रीका। ब्रिक्स समूह के विचार की परिकल्पना वर्ष 2001 में की गई थी, लेकिन 2006 में यह समूह ब्रिक के रूप में सामने आया क्योंकि उस समय दक्षिण अफ्रीका इसमें शामिल नहीं था। 2010 में जब इस समूह में दक्षिण अफ्रीका शामिल हुआ, तो यह ब्रिक्स बन गया।
ब्रिक्स में कौन कौन से देश शामिल हैं
2023 में दक्षिण अफ्रीका में हुए 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में लिए गए निर्णय के अनुसार अब समूह में ब्राजील, रुस, भारत(India), चीन और दक्षिण अफ्रीका के साथ 10 अन्य देश शामिल किए गए हैं। इन देशों में इथियोपिया, मिस्र, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात नए पूर्ण सदस्य के रूप में ब्रिक्स में शामिल हुए हैं।
किसने दिया था ब्रिक नाम
अंतरराष्ट्रीय वित्तीय कंसलटेंसी गोल्डमैन सैक्स से जुड़े ओ’नील ने इस शब्द का प्रयोग सर्व प्रथम वर्ष 2001 में अपने शोधपत्र में किया था। उस शोधपत्र का शीर्षक था ‘बिल्डिंग बेटर ग्लोबल इकोनॉमिक ब्रिक्स’। इसी लिए जिम ओ नील को इस शब्द का जन्मदाता कहा जाता है।
विश्व में कितना है ब्रिक्स देशों का सहयोग
बता दें ब्रिक्स आज दुनिया की 43 फीसदी आबादी, दुनिया के 32 फीसदी भूमि क्षेत्र, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 35 फीसदी और विश्व निर्यात का 20 फीसदी कवर करता है। समूह के अनुसार, यह पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग विकसित करने के अवसर प्रदान करता है जो देशों के सतत विकास और वृद्धि में योगदान देता है।
भारत के लिए क्यों अहम है ब्रिक्स?
भारत ब्रिक्स को वैश्विक संतुलन, विविधता और बहुलता का एक अहम मंच मानता है। रूस रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने एक बयान में कहा, ‘भारत ब्रिक्स के भीतर घनिष्ठ सहयोग को महत्व देता है, जो अनेक मुद्दों बातचीत और चर्चा के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में उभरा है। पिछले साल नए सदस्यों को जोड़ने के साथ ब्रिक्स के विस्तार ने इसकी समावेशिता और वैश्विक भलाई के एजेंडे को और मजबूत किया है।