दीपावली पर केन्द्र सरकार ने लगभग एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनरों को महंगाई भत्ता (डीए) एवं महंगाई राहत (डीआर) में तीन प्रतिशत की वृद्धि कर दीपावली गिफ्ट दिया है। केन्द्रीय कैबिनेट ने बुधवार को डीए की दरों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। इस प्रकार अब जुलाई से देय महंगाई भत्ते की दर अब 50 प्रतिशत से बढ़कर 53 प्रतिशत हो गई है। यह जानकारी केन्द्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट की बैठक के बाद दी।
बता दें इससे पहले कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स के महासचिव एसबी यादव ने 30 सितंबर को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर डीए की दरों में बिना कोई देरी किए वृद्धि करने की मांग की थी। जिसमें कहा गया था कि सामान्य तौर पर महंगाई भत्ते एवं महंगाई राहत में बढ़ोतरी का भुगतान अक्तूबर के पहले सप्ताह में हो जाता था। इस बार केंद्र सरकार ने दशहरे पर भी ऐसी कोई घोषणा नहीं की।
महंगाई भत्ता वृद्धि के बाद कितना होगा फायदा
इस बात को इस प्रकार से समझा जा सकता है कि यदि किसी कर्मचारी बेसिक सेलरी 18 हजार रुपये है तो 53 प्रतिशत महंगाई भत्ते के हिसाब से उसके वेतन में हर माह लगभग 540 रुपये बढ़ाकर दिए जाएंगे। वहीं अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सेलरी एक लाख रुपये है तो 53 प्रतिशत महंगाई भत्ते के हिसाब से कर्मियों के खाते में हर माह 3000 रुपये से अधिक की बढ़ोतरी होगी।
अमूमन सितंबर महीने में होती है महंगाई भत्ता और महंगाई राहत के दरों की घोषणा
गौरतलब हो कि डीए/डीआर की दरों में बढ़ोतरी की घोषणा अमूमन सितंबर माह में कर दी जाती थी। कई बार अक्तूबर के प्रारंभ में भी डीए/डीआर का एलान हुआ है। तीन अक्टूबर को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई थी। उसमें रेल कर्मचारियों को 78 दिन का बोनस देने की घोषणा की गई। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया था कि रेल कर्मचारियों के लिए 2029 करोड़ रुपए के बोनस को मंजूरी मिल गई है।
इसके बाद केंद्रीय कर्मचारियों को यह आस बंध गई थी कि 9 अक्तूबर की केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में डीए की घोषणा कर दी जाएगी। ‘कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स’ के महासचिव एसबी यादव ने 30 सितंबर को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर डीए की दरों में बिना कोई देरी किए वृद्धि करने की मांग की थी। उन्होंने लिखा, अक्तूबर माह में केंद्र सरकार, भत्तों व बोनस देने की घोषणा करती है तो उनका भुगतान नवंबर में हो सकेगा।
केन्द्र सरकार की लापरवाही के चलते केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों में था असंतोष
प्राप्त जानकारी के अनुसार एसबी यादव ने वित्त मंत्री को लिखे पत्र में कहा गया है कि महंगाई भत्ता और महंगाई राहत एक जुलाई से देय हैं। आमतौर पर सितंबर के आखिरी सप्ताह में इसकी घोषणा कर दी जाती थी। इसके बाद अक्टूबर के पहले सप्ताह में कर्मचारियों को तीन महीने का बकाया भुगतान किया जाता था। इन भत्तों की घोषणा में हो रही देरी को लेकर केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों में गहरा असंतोष था। नवरात्र, दुर्गा पूजा उत्सव व दशहरे का पर्व निकल गया, मगर अभी तक डीए और डीआर की घोषणा नहीं की गई।
सरकार क्यों देर से करती है डीए और डीआर के दरों की घोषणा?
जानकारों की माने तो केंद्र सरकार के कर्मियों के लिए महंगाई भत्ते की दरों में बढ़ोतरी की घोषणा कई माह देरी से की जाती है। इसके द्वारा सरकार खुद लाभ कमा लेती है। चूंकि डीए और डीआर की दरों में हुई बढ़ोतरी से सरकार पर हजारों करोड़ रुपये का भार पड़ता है। ऐसे में सरकार डीए और डीआर की घोषणा तीन-चार माह देरी से करती है। इस अवधि के दौरान सरकार का पैसा निवेश होता है जिस पर उसे अच्छा खासा ब्याज मिलता है। हालांकि नियमानुसार देखें तो पहली जनवरी और पहली जुलाई से महंगाई भत्ते एवं महंगाई राहत में बढ़ोतरी करने का प्रावधान है। परंतु केंद्र सरकार हर बार घोषणा करने में तीन-चार माह की देरी कर देती है।
दीपावली पर मिले सरकार की तरफ से गिफ्ट
बरेली कॉलेज की अर्थशास्त्र की प्रोफेसर डॉ. रीना अग्रवाल ने बताया कि नियमानुसार सरकार को जून और जनवरी में महंगाई भत्ता देना चाहिए। सरकार को एक करोड़ से अधिक लोगों को महंगाई भत्ता देना होता है। अधिकांश लोगों की दीपावली पर गिफ्ट की उम्मीद होती है, संभवता: सरकार इसी बात को ध्यान में रखते हुए दीपावली से पहले महंगाई भत्ता देकर एक प्रकार से कर्मचारियों को दीपावली का गिफ्ट देती है। इससे सरकार पर अतिरिक्त भार भी नहीं पड़ता है और कर्मचारियों को दीपावली के अवसर पर गिफ्ट के रूप में महंगाई भत्ता भी मिल जाता है।