सड़क हादसों को रोकने के लिए भारत सरकार सेंसर आधारित मानीटरिंग सिस्टम को विकसित करने की योजना बना रही है। यह सेंसर ओवर लोडिंग, ओवरस्पीड और लेन उल्लंघन करने पर अलर्ट के बाद पेनाल्टी लगा देगी। वहीं दायीं लेन खाली नहीं करने पर गाड़ी लॉक हो जाएगा।
यह जानकारी आईआईटी बीएचयू के सिविल इंजीनियर विभाग के प्रोफेसर बृंद कुमार ने यूपीडा और फिक्की के सड़क निर्माण टेक्नोलॉजी के एक सेमिनार में दी। यह पूरा सिस्टम भारत में पहली बार शुरू करने की योजना है। यह सिस्टम स्वदेशी सेंसर पर आधारित होगा।
जानकारी के अनुसार भारत में पहली बार सेंसर आधारित मानीटरिंग सिस्टम से एक्सप्रेस वे और हाइवे की निगरानी की जाएगी। इस सिस्टम को वाहन एप के साथ जोड़ा जाएगा। जिससे वाहनों का पूरा रिकार्ड सिस्टम से जुड़ जाएगा। इस सिस्टम के तहत ओवरलोड, ओवरस्पीड व दायी लेन का नियम तोड़ने वाले वाहनों की पहचान आसानी से हो जाएगी।
नियम तोड़ने पर चेतावनी के बाद गाड़ी होगी सीज
नियम तोड़ने पर गाड़ी मालिक के साथ साथ ड्राइवर को भी अलर्ट भेजा जाएगा। वहीं दांयी लेन का नियम तोड़ने वालों के वाहन को पांच किलोमीटर तक वाच किया जाएगा। छठे किलोमीटर से सिस्टम एक्टिव हो जाएगा और वाहन की निगरानी शुरू कर देगा और चेतावनी देने लगेगा।
10 किलोमीटर के बाद दो किलोमीटर तक चेतावनी दी जाएगी। उसके बाद भी यदी ड्राइवर नहीं मानता है तो गाड़ी अपने आप आटो मोड पर चली जाएगी। गाड़ी में अपने आप ब्रेक लगेंगे और फिर धीरे धीरे गाड़ी किनारे आ जाएगी। बाद में इनफोर्समेंट की टीम आकर वाहन को सीज कर देगी।
इस पूरे सिस्टम को अमली जामा पहनाने के लिए वाहन कंपनियों से बात चल रही है। वहीं भारत में पहली बार विश्वस्तरीय सेंसर बनाए जा रहे हैं। बता दें फिलहाल सेंसर फ्रांस, जर्मनी और यूके से आ रहे हैं। जानकारी के अनुसार भारत का सिस्टम अन्य देशों की तुलना में काफी सस्ता और हमारी आवश्यकता के अनुसार होगा।
ड्राइवर को जगाएगी रहेगी थर्मो प्लास्टिक सड़क
लंबे रूट पर लगातार ड्राइव करने के कारण थकावट के कारण नर्वस सिस्टम रिलेक्स मोड में चला जाता है। जिसकी वजह से आंखे खुली होने के बाद भी मस्तिष्क नींद के मोड में आ जाता है। ड्राइवर को इस अवस्था से जगाने के लिए थर्मो प्लास्टिक पेंट का इस्तेमाल करने की योजना है। इस पर आते ही वाहन झटके देता है।
थर्मो प्लास्टिक पेंट को प्रत्येक 20 किलोमीटर की दूरी पर लगाने का प्रस्ताव है। इतना ही नहीं एक्सप्रेस वे पर जगह जगह हल्का सा टर्न दिया जाएगा जिससे वाहन टर्न करने के साथ मस्तिष्क जागता रहे।