कलकता। आरजी मेडिकल कॉलेज के रोज नए राज सामने आते जा रहे हैं। एक नीजि अखबार को मेडिकल कॉलेज के पूर्व डिप्टी सुपरिंटेंडेंड अख्तर अली ने मेडिकल कॉलेज के संदीप घोष पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। अख्तर अली ने संदीप घोष पर आरोप लगाते हुए कहा कि संदीप ने वसूली करने के लिए 15 जूनियर डॉक्टरों का एक गैंग बनाया था, जो संदीप के कहने पर वसूली करता था।
गैंग के सदस्य गेस्ट हाऊस रंगीन महफिल सजती थी और उसमें लड़कियां लाई जाती थी और शराब परोसी जाती थी। इतना ही नहीं आरजी मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष अस्पताल का बॉयोमेडिकल बेस्ट का अपने अधीन अधिकारी के माध्यम से बांग्लादेश तस्करी करवाता था।
अख्तर अली ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बॉयोमेडिकल बेस्ट रिसाइकल होकर बाजार में आ जाता था। संदीप घोष हर टेंडर पर 20 प्रतिशत का कमिशन भी लेता था। पैसे मिलते ही बिना अर्हता पूरा करने वालों के लिए रातों-रात आदेश जारी कर देता था। उन्होंने बताया कि संदीप का रवैया एक तानाशाह की तरह था। अख्तर अली ने सवाल उठाया, यदि दाल में कुछ काला नहीं था तो जूनियर डॉक्टर की हत्या वाली जगह पर उस दिन डॉ. देबाशीष सोम क्या कर रहे थे।
बता दें अनियमितताओं को लेकर हाईकोर्ट जाने वाले कॉलेज के पूर्व डिप्टी सुपरिंटेंडेंड अख्तर अली की याचिका पर ही कलकत्ता हाईकोर्ट ने आरजी कर कॉलेज की जांच सीबीआई को सौपी। अख्तर अली ने बताया कि संदीप ने अस्पताल में अनैतिक काम करने के लिए 15 जूनियर डॉक्टरों का एक गैंग बनाया हुआ था, जो विद्यार्थियों को पास करने के एवज में पैसे बसूलता था।
कॉलेज के विद्यार्थियों पर अन्याय और अत्याचार हो रहा था। उन्होंने बताया कि संदीप के कारण भ्रष्टाचार और अनियमितताएं बढ़ती जा रही थीं। उन्होंने हर जगह शिकायत की लेकिन किसी ने नहीं सुनी। आरजी कॉलेज को मैंने अपने जीवन के 16 वर्ष दिए। कॉलेज मेरे लिए मां जैसा है। मां के दामन में कोई दाग लगाएगा तो क्या कीजिएगा। बस मैंने वही किया। बस, चाहता हूं कि इस नेक्सेस का पर्दाफाश हो और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले।
संदीप ने नियुक्ती के तुरंत बाद दिखाया अपना रंग
अख्तर अली ने बताया कि संदीप घोष 2021 में आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल नियुक्त हुए। प्रिंसिपल बनते ही उन्होंने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया। छात्रों के साथ दुर्व्यवहार, छात्रों को परेशान करना, उनका उत्पीड़न करना शुरू कर दिया। छात्रों ने इनका विरोध किया और इनके खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। छात्रों ने इनको मारने के लिए भगाया लेकिन पुलिस ने इनको बचा लिया। इसके बाद वे एक महीने के लिए छुट्टी पर चले गए।
वरिष्ठ अधिकारियों से भी की थी शिकायत
उन्होंने बताया कि जो छात्र इनकी बात नहीं सुनते थे, उनको फेल करते थे। लड़कियों को भी परेशान करते थे। इसके साथ ही समय के साथ उनका भ्रष्टाचार भी बढ़ता गया। जब मुझे पता चला तो मैने वहां के वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी दी। लेकिन कोई एक्शन नहीं हुआ।
विजिलेंस से की शिकायत, कोई कार्रवाई नहीं हुई
अख्तर अली ने बताया कि संदीप की हरकतों को देखते हुए मजबूर होकर जुलाई 2023 को विजिलेंस कमीशन को लिखित शिकायत की और सारे सबूत भी दिए। भ्रष्टाचार निरोधक विभाग में भी शिकायत की। इसके बावजूद भी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई, बस उनका तबादला ही हुआ और 24 घंटे के अंदर वह आदेश वापस हो गया और वे फिर प्रिंसिपल बन कर बैठ गए। इसके बाद उन्होंने मुझे परेशान करना शुरू कर दिया। मेरा ट्रांसफर हो गया। मैं दूसरी जगह चला गया।
बांग्लादेश में बेच देते थे बॉयोमेडिकल वेस्ट
अख्तर अली ने चौकाने वाला खुलासा करते हुए कहा कि बायमेडिकल वेस्ट का संदीप घोष गैरकानूनी ढंग से तस्करी करवाते थे। यह काम वे अपने एडिशनल सिक्योरिटी ऑफिसर से करवाते थे। यह माल बांग्लादेशी नागरिक को बेचा जाता था। इस पर अख्तर की शिकायत पर एक कमेटी का गठन किया गया था। जैसे ही मैंने यह रिपोर्ट सबमिट की उसके दूसरे दिन ही वाइस प्रिंसिपल ने उस कमेटी को भंग कर दिया।
शवों की तस्करी करते थे संदीप
अख्तर अली ने बहुत ही गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि संदीप शवों की तस्करी करने में भी वे शामिल थे। उन्होंने बताया कि उन्होंने मानव अंगों की तस्करी नहीं देखी। लेकिन शवों को बेचने के बारे में उनके पास शिकायत आई थी। उन्होंने इसकी शिकायत एचओडी को बताया था। एचओडी ने डायरेक्टर ऑफ मेडिकल एजुकेशन को शिकायत की गई। जिस दिन शिकायत की गई उसी दिन एचओडी का तबादला कर दिया गया।
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