गृह और संघीय सहयोग मंत्री अमित शाह द्वारा सहारा रिफंड पोर्टल लॉन्च किया जा रहा है। यह पोर्टल 18 जुलाई 2023 को सुबह 11 बजे लॉन्च किया जाएगा। इस पोर्टल के माध्यम से सहारा ग्रुप में निवेश करने वालों को उनका फंसा हुआ पैसा वापस मिल जाएगा। इस पोर्टल के माध्यम से ही निवेशकों को उनका सारा पैसा निकालने की पूरी जानकारी दी जाएगी।
बता दे कि सहारा ग्रुप में सैकडों भारतीयों का पैसा फंसा हुआ है। लाखों की संख्या में लोगों ने इस कंपनी में अपनी सारी जमा पूंजी लगा दी थी। सहारा ग्रुप में पैसा निवेश करने वालों में अधिकतर मध्यम और निम्न वर्ग आय के लोग थे। पिछले काफी समय से लोग अपने निवेश राशि का इंतजार कर रहे हैं। इस पोर्टल के लॉन्च होने के बाद निवेश अपना सारा पैसा तुरंत निकाल सकते हैं। हालांकि पिछले कुछ समय से सहारा सरकार से हस्तक्षेप की मांग कर रहा था।
क्या है पूरा मामला
सहारा ग्रुप का सारा विवाद 2009 में उस समय शुरू हुआ जब सहारा ने अपनी दो कंपनियों सहारा हाउसिंग कंपनी लिमिटेड और सहारा रियल एस्टेट कंपनी लिमिटेड के आईपीओ का प्रस्ताव सेबी के सामने रखा। इसके बाद भी कंपनी के राज धीरे धीरे खुलने लगे। जांच में पाया गया कि सहारा ने अवैध रूप से 240 करोड रूपए निवेशकों से लिए हैं। इसके साथ ही सेबी ने जांच में कई धोखाधडी के साथ एक बड़ा घोटाला सामाने आया। इसके बाद सेबी ने सहारा को निवेशकों का ब्याज सहित सारा पैसा लौटाने को कहा। अभी तक निवेशकों को यह पैसा नहीं मिला है। सहारा में निवेश करने वालों में ज्यादातर लोग बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के थे। सहारा ग्रुप पर उस समय लोगों ने अपनी सारी कमाई लगा दी थी। इसके बाद कई राज्यों में सहारा के खिलाफ आंदोलन भी किए गए।
सहारा की इन कंपनियों में अटके हैं लोगों के पैसे
आम लोगों का अधिकाश पैसा सहारा समूह के सहारा क्रेडिट को-आपरेटिव, सहारा यूनिवर्सल मल्टीपरपज, हमारा इंडिया क्रेडिट को-आपरेटिव एवं स्टार्स मल्टीपरपज शामिल हैं। जानकारी के अनुसार लोगों का सबसे अधिक पैसा सहारा क्रेडिट को आपरेटिव में लगा है।
प्रस्तुत करने होंगे उचित साक्ष्य और पहचान
जानकारी के अनुसार किसी भी प्रकार की गडबडी को रोकने के लिए ही यह पोर्टल बनाया गया है। इस पोर्टल के माध्यम से वास्तविक निवेशकों की उचित पहचान और साक्ष्य एकत्र किए जाएंगे। सभी दावों के सत्यापन के बाद ही लोगों को उसका भुगतान किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
मालूम हो कि कोर्ट के आदेश पर सहारा सेबी फाउंडेशन की स्थापना 2012 में की गई थी। जिसमें सहारा सेबी के फंड में सहारा ग्रुप द्वारा 2400 करोड रूपए जमा कराए गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने सहारा ग्रुप को सभी निवेशकों को सीआरसी के माध्यम से भुगतान करने के निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार दिसंबर से पहले सभी निवेशकों को पैसे लौटाने हैं। इस पूरे मामले में सरकार पारदर्शी तरीके से काम कर रही है। सभी निवेशकों को पैसा चेक के माध्यम से लौटाया जाएगा। वहीं निवेशक जल्द ही पैसा मिलने के उम्मीद लगाए हुए हैं।