देवों के देव महादेव का सबसे प्रिय माह श्रावन (सावन) का महीना कहा जाता है। भगवान शिव को प्रिय होने के चलते ही इस महीने का महत्व स्वत: ही बढ़ जाता है। माना जाता है कि इस माह भगवान शिव माता पार्वती के साथ कैलाश त्याग कर भूलोक का भ्रमण करते हैं। इसे कारण इस माह भक्त भोले बाबा को प्रसन्न करने के लिए विभिन्न प्रकार की पूजा अर्चना करते हैं। ऐसे में इस महीने में कुछ कार्यों को बहुत ही शुभ माना गया है वहीं कुछ ऐसे कार्य भी बताए गए हैं जो भूल कर भी नहीं करने चाहिए।
बरेली के प्रसिद्ध तांत्रिक एवं ज्योतिषाचार्य पंडित अमोद शर्मा ने बताया कि सावन का महीना पूरी तरह से भगवान शिव को समर्पित है। जहां एक तरफ भगवान शिव अपने भक्तों के लिए भोले बाबा भी है और कुछ लोगों के लिए वह महाकाल भी हैं। शास्त्रों में सावन के महीने के लिए कुछ नियम बताए हैं जिसमें कुछ कार्यों को करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं वहीं कुछ कार्यों से बाबा नाराज भी हो जाते हैं। ऐसे में लोगों को चाहिए कि शास्त्रों में बताए गए नियमों का पूरे भक्ति भाव के साथ पालन करना चाहिए। यहां हम आपको बताएंगे की सावन के महीने में क्या कार्य करें और क्या कार्य न करें।
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क्या करें
सावन का महीना भगवान शिव का प्रिय महीना होता है इस कारण इस माह में की जाने वाली सभी पूजा भगवान शिव पर ही केन्द्रित होनी चाहिए। इस पूरी महीने में प्रत्येक दिन भोलेनाथ को भोग लगाना चाहिए। यदि प्रतिदिन संभव न हो तो प्रत्येक सोमवार को भगवान शिव जो जल अवश्य चढ़ाना चाहिए।
इसके साथ ही भगवान शिव के अति प्रिय धतूरा और भांग को शिव जी को अवश्य अर्पित करना चाहिए। इसके साथ ही मिट्टी से शिवलिंग बनाकर नियमित रूप से इसकी पूजा करनी चाहिए। इसके साथ ही भगवान भोलेनाथ को दूध और दूध से बनी वस्तुएं बाबा को चढ़ानी चाहिए। शाम के समय भगवान शिव की आरती अवश्य करनी चाहिए। इस महीने यदि आपके दरवाजे पर सांड आ जाए तो उसे कुछ खाने को अवश्य देना चाहिए। इसके अतिरिक्त सावन के महीने में हल्का और सुपाच्य भोजन ही ग्रहण करना चाहिए।
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क्या न करें
सावन के महीने में कभी भी मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही सावन के महीने में शरीर पर तेल नहीं लगाना चाहिए। साथ ही इस महीने में कांसे के वर्तन में खाना भी नहीं खाना चाहिए। भगवान शिव की पूजा में कभी भी केतकी का फूल और तुलसीपत्र नहीं चढ़ाना चाहिए। शिवलिंग की पूजा करते समय उसपर कभी भी हल्दी नहीं चढ़ानी चाहिए। सावन के महीने में बैंगन कभी नहीं खाना चाहिए। इस महीने में कभी भी दूध का सेवन नहीं करना चाहिए। सावन के महीने में कभी भी दिन में नहीं सोना चाहिए। साथ ही मन में बुरे विचार नहीं लाने चाहिए। शिव भक्तों को कभी भी बड़े-बुजुर्ग, बहन, गरीब, लाचार व्यक्ति एवं गुरू का कभी अपमान नहीं करना चाहिए। इस पूरे महीने घर में साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। मान्यता है कि इस महीने में कभी भी वृक्ष नहीं काटने चाहिए बल्कि परिवार के सदस्यों की संख्या के बराबर पेड़ लगाना चाहिए। इस महीने झूठ बोलकर कोई भी कार्य न करें। भोले बाबा छोटी सी पूजा से प्रसन्न हो जाते हैं वहीं दूसरी तरफ झूठ फरेव से वह नाराज हो जाते हैं।
क्या कहता है विज्ञान
विज्ञान की दृष्टी से देखे तो सावन के महीने में इंसान की पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है इस लिए कम से कम खाना खाने के लिए कहा जाता है इतना ही नहीं सावन के महीने में वैक्टीरिया और छोटे मोटे कीट पतंगों की संख्या काफी बढ जाती है इसी कारण से इस महीने में हरी सब्जी खाने के लिए मना किया जाता है। चूकि गाय, भैस जैसे दूध देने वाले जानवर हरी घास खाते हैं ऐसे में संक्रमण घास रास्ते दूध में आने की संभावनाए होती हैं। इसी करण से सावन के महीने में दूध का सेवन मना किया जाता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यदि इस महीने में खाने पीने पर ध्यान नहीं दिया तो सेहत पर इसका गलत असर पड़ सकता है।