सूर्य देव के प्रचंड रूप धारण कर लेने से हर तरफ हाहाकार मचा हुआ है। तापमान प्रतिदिन नए रिकॉर्ड बना रहा है। दिल्ली से लेकर हिमाचल तक हर तरफ सूर्य देव अपना प्रकोप दिखा रहे हैं। गर्मी का आलम यह है कि पंखे और कूलर से भी कुछ राहत नहीं मिल रही है। ऐसे में लोग गर्मी से राहत पाने के लिए एयर कंडीशनर के सहारे चल रहे हैं। गर्मी में लगातार एसी चलता है तो एसी में ब्लास्ट जैसी बड़ी दुर्घटना हो सकती है।
हाल ही में मुंबई और नोएडा में एसी में ब्लास्ट होने की खबरें सामने आई हैं। नोएडा की एक हाई-राइज़ बिल्डिंग में एसी में हुए ब्लास्ट से पूरा फ्लैट आग की चपेट में आ गया। ऐसे में जरूरी है कि एसी चलाते समय कुछ सावधानी बरतें और किसी तरह की लापरवाही ना करें। एसी से जुड़ी जरूरी बातों पर ध्यान देकर आप एसी में किसी तरह की आग लगने की घटना से बच सकते हैं।
क्यों होता है एसी में ब्लास्ट?
एसी में ब्लास्ट का प्रमुख कारण गलत तरीके से एसी का रखरखाव और इंस्टॉलेशन। अगर आप समय पर एसी की सर्विस नहीं करवाते हैं और लगातार काफी समय तक एसी चलता रहता है तो मशीन जरूरत से ज्यादा गर्म होती है और यह गर्मियों में ब्लास्ट की वजह बन सकता है। इसलिए हमेशा प्रोफेशनल टेक्नीशियन से ही एसी इंस्टॉल करवाएं और साल में कम से कम एक बार सर्विसिंग जरूर करवाएं।
एयर कंडीशनर में खराब वायरिंग, ढीले कनेक्शन एवं शॉर्ट सर्किट भी ब्लास्ट का कारण बन सकते हैं। इसके साथ ही एसी में गैस लीकेज के कारण भी ब्लास्ट हो सकता है। अमूमन पाया गया है कि यदि एसी ठीक से कूलिंग नहीं कर रहा होता लेकिन उसके बाद भी हम उसे चलाते रहते हैं। ऐसा करने से एसी पर अधिक लोड पड़ता है और एसी गरम होकर फट सकता है।
एक और चीज जिसकी वजह से एसी में ब्लास्ट हो सकता है और वो है टर्बो मोड। जी हां, कई बार तेजी से कूलिंग चाहने के लिए हम टर्बो मोड को ऑन कर देते हैं । लगातार इसी मोड में एसी चलाना खतरनाक हो सकता है।
एसी ब्लास्ट से बचाव के उपाय
जब भी घर या ऑफिस में एसी लगवाएं तो हमेशा प्रोफेशनल इलेक्ट्रिशियन या कंपनी से आए टेक्निशियन को ही बुलाएं। इसके अलावा बीच-बीच में इलेक्ट्रिकल सेफ्टी जांच भी करवाते रहें। जानकारों के मुताबिक, लगभग 600 घंटों के इस्तेमाल के बाद एसी की सर्विसिंग कराना जरूरी होता है।
अगर आपको एसी में से थोड़ी भी गैस लीकेज की बदबू लगे तो तुरंत एसी को ऑफ कर दें और जानकार टेक्निशियन को दिखाएं। याद रहे टर्बो मोड में कुछ समय तक एसी चलाने के बाद इसे वापस नॉर्मल मोड पर कर दें। नॉर्मल स्पीड में एसी चलाने से ब्लास्ट होने के खतरे से बचा जा सकता है।
सफाई और सर्विस की कमी कई बार एयर कंडीशनर के फटने की वजह बनती है। इसलिए जरूरी है कि एसी की साफ-सफाई पर ठीक तरह से ध्यान दें। अगर आपके एसी में गैस का लेवल बहुत कम है तो इससे भी यूनिट ज्यादा गर्म होकर ब्लास्ट हो सकती है। अपने मैन्युफैक्चरर से मिले मैनुअल को फॉलो करें और उसी के हिसाब से एसी में गैस डलवाएं।
इसके अलावा भीषण गर्मी में एसी के ट्रिप होने की शिकायतें बढ़ जाती हैं। ओवरहीटिंग से एसी के फटने की संभावना बहुत बढ़ जाती है। यदि संभव हो तो एसी की आउटडोर यूनिट को छांव में रखें। यदि छत या खुले पर यूनिट रखी है तो उसके ऊपर कोई शेड लगवा दें।
एसी को कभी भी लगातार न चलाए। एक से दो घंटे में 5 से 7 मिनट के लिए एसी ऑफ कर दें। टेंपरेचर कंट्रोल करने के लिए एसी के कंप्रेसर या आउटर यूनिट पर थोड़े पानी का छिड़काव भी कर सकते हैं।
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