नई दिल्ली। पाकिस्तानी जेल में भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह की हत्या करने वाले अंडरवर्ल्ड डॉन अमीर सरफराज की अज्ञात लोगों ने गोली मार हत्या कर दी। अमीर सरफराज लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के संस्थापक हाफिज सईद का करीबी माना जाता था।
मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार वारदात को उस समय अंजाम दिया गया जब अमीर सरफराज पाकिस्तान मं लाहौर के इस्लामपुरा इलाके में अपनी कार से कहीं जा रहा था।त तभी मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने उस पर ताबडतोड गोलियां बरसा दी। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। गंभीर हालत में उसे अस्पताल में लाया गया जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।
आईएसआई के इशारे पर की थी सरबजीत की हत्या
माना जाता है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर ही अमीर सरफराज ने अपने साथी के साथ मिलकर 2 मई 2013 को लाहौर की जेल में बंद भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह की धारदार हथियार से हत्या कर दी थी।
2018 में हुआ था रिहा
अमीर सरफराज और उसके साथी को सरबजीत सिंह की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया। लेकिन दिसंबर 2018 में पाकिस्तान की एक कोर्ट ने सबूतों के अभाव में सरबजीत की हत्या के 2 आरोपियों को रिहा कर दिया था। उनमें अमीर सरफराज और मुद्दसर शामिल थे। इस मामले में किसी ने इन दोनों के खिलाफ गवाही नहीं दी थी।
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कौन है सरबजीत सिंह
सरबजीत सिंह भारत पाकिस्तान सीमा पर बसे तरनतारन जिले के भिखीविंड गांव का रहने वाला था। 30 अगस्त 1990 को वह अनजाने में पाकिस्तानी सीमा में पहुंच गए थे, जहां से उन्हें पाकिस्तानी सेना ने गिरफ्तार कर लिया था। कोर्ट में सरबजीत ने तर्क दिया था कि वह गलती से सीमा पार कर पाकिस्तान पहुंच गए थे।
साल 1991 में पाकिस्तान की कोर्ट ने सरबजीत सिंह को लाहौर और फैसलाबाद में हुए चार बम धमाकों के आरोप में सजा सुनाई थी। इन धमाकों में करीब 10 लोगों की मौत हुई थी। मार्च 2006 में पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने सरबजीत की दया याचिका खारिज करते हुए मौत की सजा को बरकरार रखा था।
लाहौर की सेंट्रल जेल में अमीर सरफराज ने अपने साथियों के साथ मिलकर सरबजीत पर हमला कर दिया था जिससे वह गंभीर रूप से धायल हो गया था। इलाज के दौरान पांच दिन बाद अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया था।