पेंशन योजना

Cabinet: सरकारी कर्मचारियों के लिए केन्द्र सरकार ने किया नई पेंशन स्कीम का एलान, अब एनपीएस की जगह एकीकृत पेंशन योजना

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दिल्ली। पिछले काफी समय से पुरानी पेंशन स्कीम की जोर पकड़ती मांग के बीच केंद्र सरकार ने नई पेंशन स्कीम (एनपीएस) के स्थान पर अब सरकारी कर्मियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) अर्थात एकीकृत पेंशन योजना लॉन्च करने का फैसला किया है। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस स्कीम को लेकर सभी में सहमति बनी है। इस योजना से राज्य सरकारों को भी जुडने का विकल्प मिलेगा।

राज्य सरकारों को भी योजना चुनने का मिलेगा विकल्प

पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शनिवार को एकीकृत पेंशन योजना को मंजूरी दे दी, जिसका मुख्य उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को सुनिश्चित पेंशन, पारिवारिक पेंशन और सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन प्रदान करना है। बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य सरकारों को भी एकीकृत पेंशन योजना चुनने का विकल्प दिया जाएगा। यदि राज्य सरकारें यूपीएस चुनती हैं, तो लाभार्थियों की संख्या करीब 90 लाख हो जाएगी।

800 करोड़ रुपये पेंशन एरियर पर खर्च करेगी सरकार

जानकारी के अनुसार अब सरकार पर बकाया राशि अर्थात एरियर पर 800 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। पहले साल में सालाना लागत में करीब 6,250 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी होगी। बता दें यह योजना 2025 में 1 अप्रैल से लागू होगी। केंद्र सरकार के कर्मचारियों को राष्ट्रीय पेंशन योजना और यूनिफाइड पेंशन स्कीम में से किसी एक को चुनने का विकल्प दिया जाएगा। मौजूदा केंद्र सरकार के नई पेंशन स्कीम ग्राहकों को यूनिफाइड पेंशन स्कीम में स्विच करने का विकल्प भी दिया जाएगा।

मोदी ने संशोधन के लिए अप्रैल 2023 में बनाई थी कमिटी

फैसले का एलान करते हुए केद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि देशभर में सरकारी कर्मचारियों की तरफ से हमेशा मांग आती रही कि एनपीएस स्कीम में सुधार किया जाए। इस सुधार के लिए अप्रैल 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक कमेटी बनाई थी। डॉ सोमनाथन इस कमिटी के चेयरमैन थे। इस कमिटी ने 100 से अधिक सरकारी कर्मचारी संगठनों के साथ बात की। करीब सभी राज्यों के साथ इस कमिटी ने बातचीत की। पीएम ने इस विषय को गंभीरता से लिया था। कमिटी की सिफारिश के आधार पर सरकार ने एकीकृत पेंशन स्कीम को मंजूरी दी है।

योजना से जुड़ी खास बातें

  • पेंशन की सुनिश्चित राशि: 25 वर्ष की न्यूनतम सेवा के लिए सेवानिवृत्ति से पहले अंतिम 12 महीनों में प्राप्त औसत मूल वेतन का 50% न्यूनतम पेंशन के रूप में मिलेगा
  • कर्मचारी की मृत्यु होने की स्थिति में तत्काल 60% की दर से पारिवारिक पेंशन सुनिश्चित की जाएगी
  • 10 वर्ष की सेवा तक कम सेवा के लिए अनुपातिक राशि पेंशन के रूप में मिलेगी
  • 10 वर्ष की सेवा के बाद सेवानिवृत्ति पर 10000 रुपये प्रति माह की दर से सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन राशि मिलेगी
  • सेवानिवृत्ति पर ग्रेच्युटी के अलावा एकमुश्त भुगतान का भी लाभ मिलेगा
  • महंगाई दर के साथ इंडेक्सेशन की सुविधा मिलेगी, सुनिश्चित पेंशन, सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन और सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन पर महंगाई इंडेक्स (AICPI-W) के साथ समायोजन की सुविधा मिलेगी
  • छह महीने की सेवा के लिए (वेतन+डीए) की 10 फीसदी रकम का एकमुश्त भुगतान होगा। यानी अगर किसी की 30 साल की सर्विस है तो उसे छह महीने की सेवा के आधार पर एकमुश्त भुगतान (इमॉल्यूमेंट) होगा
  • इस भुगतान से सुनिश्चित पेंशन की मात्रा कम नहीं होगी

23 लाख कर्मचारियों को मिलेगा फायदा, होगा एनपीएस और यूपीएस चुनने का विकल्प

केंद्र सरकार के 23 लाख कर्मचारियों को इसका फायदा मिलेगा। कोई एनपीएस में रहना चाहे तो उसमें रह सकता है। अगर यूपीएस अपनाना चाहे तो इसका विकल्प चुन सकता है। राज्य सरकारें भी इस संरचना को चुन सकती है। अगर राज्य सरकार के कर्मचारी इसमें शामिल होते हैं तो 90 लाख कर्मियों को इसका फायदा मिलेगा।

विज्ञान धारा योजना में तीन योजनाओं का हुआ विलय

इसके अतिरिक्त केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) की एकीकृत केन्द्रीय क्षेत्र योजना ‘विज्ञान धारा’ में तीन प्रमुख योजनाओं का विलय कर दिया है। ‘विज्ञान धारा’ योजना का प्राथमिक उद्देश्य देश में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार से संबंधित इकोसिस्टम को मजबूत करने की दिशा में विज्ञानं व प्रौद्योगिकी संबंधी क्षमता निर्माण के साथ-साथ अनुसंधान, नवाचार और प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देना है। इस योजना के कार्यान्वयन से शैक्षणिक संस्थानों में पूर्ण रूप से सुसज्जित अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं को बढ़ावा देकर देश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से जुड़े बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाया जाएगा।

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