चारधाम यात्रा में उमड़ रही भीड़ पर नियंत्रण के लिए सरकार एक्शन में आ गई है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मुख्यसचिव ने एक बैठक बुलाई। बैठक में तय किया है कि बिना पंजीकरण किसी को भी चारधाम में एंट्री नहीं दी जाएगी। इतना ही नहीं जो वाहन गैर पंजीकृत तीर्थयात्रियों को यात्रा पर लाएगा, उस पर भी कार्रवाई की जाएगी।
श्रद्धालुओं की लगातार बढ़ रही भीड़ को देखते हुए बुधवार को मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने समीक्षा बैठक की। बैठक में तय किया गया कि चारधाम यात्रा मार्गों पर रैंडम जांच की जाएगी। बिना पंजीकरण या निर्धारित तिथि से पहले आने वाले तीर्थयात्रियों को लौटा दिया जाएगा।
इसके अतिरिक्त जो वाहन गैर पंजीकृत या पंजीकरण तिथि से पूर्व ही यात्रियों को लाएंगे, उनके परमिट रद्द कर कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में पत्र द्वारा सभी राज्यों के मुख्य सचिव व पुलिस महानिदेशक को सूचित किया जा रहा है। साथ ही इस संबंध में सभी टूर ऑपरेटरों को भी यात्रा के नोडल आरटीओ ने सख्त हिदायत दे दी है।
जगह – जगह रोके जाएंगे वाहन
प्राप्त जानकारी के अनुसार चमोली, रुद्रप्रयाग व उत्तरकाशी के अलावा पौड़ी और टिहरी में भी ठहराव स्थल बनाए जा रहे हैं। ठहराव स्थल पर वाहनों को कुछ घंटों के लिए रोके जा सकेंगे। किसी भी प्रकार की समस्या से बचने के लिए ठहराव स्थल पर मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।
इसके साथ ही एसएमएस के माध्यम से श्रद्धालुओं को बताया जा रहा है कि उन्हें कितनी देर और रुकना होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी यात्रा व्यवस्था को लेकर बेहद गंभीर हैं और लगातार अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं।
मेडिकल हिस्ट्री देना होगा अनिवार्य
जानकारी के अनुसार चारधाम यात्रा के दौरान अलग-अलग स्थानों पर अब तक 11 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है। मुख्य सचिव ने रजिस्ट्रेशन के दौरान श्रद्धालुओं से उनकी मेडिकल हिस्ट्री अनिवार्य रूप से प्राप्त करने के निर्देश दिए हैं। कुछ श्रद्धालु इसे छुपा रहे हैं या गलत जानकारी दे रहे हैं।
उत्तराखंड सरकार ने नियमों का कड़ाई से पालन कराने और 50 वर्ष से अधिक उम्र के यात्रियों की हेल्थ स्क्रीनिंग पर विशेष जोर देने के निर्देश दिए हैं। गौरतलब हो कि यात्रा रूट पर 184 चिकित्सकों की तैनाती की गई है। इनमें 44 स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स हैं। इसके साथ ही श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में कैथ लैब शुरू की गई है।
अब तक 27 लाख से अधिक ने कराया पंजीकरण
चारधाम यात्रा के लिए अब तक 27 लाख से अधिक लोगों का पंजीकरण हो चुके हैं। जबकि तीन लाख 34 हजार 732 श्रद्धालू दर्शन कर चुके हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक केदारनाथ में 1,55,584, बदरीनाथ में 45,637, गंगोत्री में 63,078 और यमुनोत्री में 70,433 श्रद्धालू दर्शन कर चुके हैं।
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