चक्रवात बिपारजॉय एक गंभीर चक्रवात का रूप ले सकता है। इस के लिए भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने चेतावनी जारी कर दी है, जानकारी के अनुसार बिपारजॉय चक्रवात उत्तर से पश्चिम की ओर बढ़ता जा रहा है। भारतीय मौसम विभाग की चेतावनी के अनुसार 7 जून को पूर्व मध्य अरब सागर और पश्चिम मध्य और दक्षिण-पूर्व अरब सागर से सटे कुछ इलाकों में 80 से 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है।
सूत्रों के अनुसार चक्रवात के कारण चलने वाली हवाओ की गती 95-105 किलोमीटर प्रति घंटे तक की हो सकती है। यह मौसम की स्थिति उत्तर केरल, कर्नाटक और गोवा को सबसे अधिक प्रभावित करेगी। 8 जून को पूर्व-मध्य अरब सागर और पश्चिम मध्य और दक्षिण अरब सागर के आस-पास के क्षेत्रों में 130-140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की आशंका जताई जा रही हैं। वहीं 9 जून की शाम से 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलेगी यह दक्षिण अरब सागर, कर्नाटक और गोवा-महाराष्ट्र के तटों के आसपास के क्षेत्रों को प्रभावित करेगा।
10 जून को मध्य अरब सागर के ऊपर 145-155 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने व आंधी की भविष्यवाणी की गई है। यह दक्षिण अरब सागर के आस-पास के क्षेत्रों के साथ-साथ उत्तरी कर्नाटक, गोवा और महाराष्ट्र के तटों को प्रभावित करेगी।
वहीं चक्रवात की पाकिस्तान में दस्तक देने की संभावना है। मौसम विभाग ने अपने बुलेटिन में कहा कि 6 जून को सुबह 08:30 बजे तक डिप्रेशन कराची से लगभग 1,490 किमी दक्षिण में था। एक अधिकारी ने पीटीआई के हवाले से कहा, “आम तौर पर जब भी कोई चक्रवात आता है, तो यह मानसून की शुरुआत को प्रभावित करता है। इससे लगभग एक या दो दिन की देरी हो सकती है।” क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (आरएमसी) मुंबई के प्रमुख सुनील कांबले ने कहा, “जैसे-जैसे चक्रवात आगे बढ़ेगा, इसके उत्तर की तरफ जाने की आशंका है।
बांग्लादेश ने रखा तूफान का नाम
अरब सागर में आने वाले इस तूफान का नाम इस वार बांग्लादेश ने रखा है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने 2020 में इस नाम को स्वीकार किया था।
कौन रखता है तूफानों का नाम
विश्वभर में आने वाले तूफानों के नाम रखने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने इसके लिए एक अलग अलग पैनल बना रखे हैं। प्रत्येक पैनल में कुछ देश शामिल होते हैं। जो तूफानों के नाम तय करते हैं। उत्तरी हिंद महासागर में उठने वालों तूफानों के नाम यूएन के इकोनॉमिक एंड सोशल कमीशन फॉर एशिया एंड पैसिफिक (ESCAP) पैनल द्वारा रखे जाते हैं। इस पैनल में 13 सदस्य देश शामिल हैं। 13 देशों के पैनल में भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यांमार, ओमान, मालदीव, ईरान, कतर, थाईलैंड, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, यमन शामिल हैं.
कैसे रखा जाता है चक्रवात का नाम
चक्रवात का नाम रखने के लिए सदस्य देशों को एल्फाबेट क्रम में नाम रखना होता है। 2020 में तूफानों का नाम देने की नई सूची जारी की गई थी। सूची तैयार करने के लिए सभी 13 देशों ने 13 नामों की एक लिस्ट दी है। इस तरफ पैनल के पास 2020 में ही 169 नामों की लिस्ट है। क्रम के अनुसार चक्रवात का नाम इसी सूची में से दिया जाता है।
साइक्लोन, चक्रवात, टाइफून और हरिकेन में अंतर
वास्तविक रूप से देखा जाए तो साइक्लोन, चक्रवात, टाइफून और हरिकेन में कोई अंतर नहीं होता है। यह सभी चक्रवातीय तूफान हैं। केवल स्थान के आधार पर इन्हें अलग नाम से पुकारा जाता है। जैसे हिंद महासागर क्षेत्र में उठने वाले तूफान को चक्रवात कहा जाता है और यही तूफान यदि अटलांटिक महासागर में क्षेत्र में उठे तो उसे हरिकेन कहते हैं। इसी प्रकार जो तूफान प्रशांत महासगर में उठता है उसे टाइफून कहा जाता है।