Digital Arrest

Digital Arrest: महिला डॉक्टर को साइबर ठगों ने किया डिजिटल अरेस्ट

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बरेली। पूरे देश में डिजिटल अरेस्ट के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहे हैं। बरेली भी इससे अछूता नहीं रहा। बरेली में डिजिटल अरेस्ट का दूसरा मामला सामने आया है। इस बार साइबर ठगों ने एक महिला डॉक्टर अपना शिकार बनाया और उसे ढाई घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा। उन्हें महिला डॉक्टर को मनी लॉन्ड्रिंग केस से जुड़ा बताकर धमकाया और उससे ठगी की कोशिश की। सूझबूझ से वह साइबर ठगों के चंगुल से बच गई। 

गौरतलब हो कि बरेली के एक निजी मेडिकल कॉलेज की डॉक्टर को साइबर ठगों ने ढाई घंटे डिजिटल अरेस्ट रखकर धमकाया। ठगों ने महिला डॉक्टर का पुराना मोबाइल नंबर नवाब मलिक के मनी लॉन्ड्रिंग केस से जुड़ा बताकर ईडी व सीबीआई कार्रवाई और गिरफ्तारी की धमकी दी। ऑनलाइन निगरानी के दौरान हिम्मत दिखाकर वह ठगों के चंगुल से बच सकीं। शिकायत पर आईजी ने साइबर थाना पुलिस को कार्रवाई का निर्देश दिया है।

महिला डॉक्टर के अनुसार सोमवार सुबह 8:30 बजे उनके मोबाइल फोन पर एक कॉल आई। फोन करने वाले ने स्वयं को ट्राई (दूरसंचार नियामक आयोग) से बताया। फोन करने वाले ठग ने बताया कि उनका एक पुराना नंबर मनी लॉन्ड्रिंग जैसे अपराध में इस्तेमाल किया जा रहा है।

पहला फोन कटने के तुरंत बाद ही दूसरे नंबर से डॉक्टर के पास वीडियो कॉल आई। कॉल करने वाले ने स्वयं को लखनऊ के आलमबाग थाने का दरोगा बताया। उसने कहा कि नवाब मलिक के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक शख्स को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में आपके नंबर की आईडी से उसका जुड़ाव और अनधिकृत लेनदेन मिला है।

कथित पुलिस वाले ने कहा कि सबूतों के आधार पर इसमें आपके खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है। डॉक्टर ने कॉल कट की तो उसने दोबारा कॉल कर चेतावनी दी कि कॉल कट मत करना, अन्यथा और फंस जाओगी। फिर उसने वर्दी पहने हुए बैठे कथित थाना प्रभारी से बात कराई। महिला डाक्टर ने बताया कि वहां एक अन्य शख्स को पुलिस पकड़े बैठी थी। फोन पर कथित थाना प्रभारी ने बताया था कि इसी शख्स को मनी डॉन्ड्रिंग में पकड़ा गया है।

महिला डॉक्टर के कमरे से बाहर जाने पर लगाई रोक

महिला डाक्टर ने बताया कि वीडियो कॉल से निगरानी कर रहे ठगों ने उसे कमरे से बाहर जाने पर रोक लगा दी। कहा कि जांच में सहयोग कीजिए। दूसरे कमरे से निकले पति ने घर से बाहर जाने और गेट बंद करने के लिए कहा तो उस पर भी ठगों ने आपत्ति जताई। ठगों ने कहा कि जल्द ही ईडी व सीबीआई आपको गिरफ्तार कर लेगी।

गलत मोबाइल नंबर बताने से समझीं खेल

महिला डॉक्टर ने बताया कि इस फोन से वह काफी घबरा गई थीं। ठग बार बार उनसे उनके खातों व उनके मोबाइल नंबरों की जानकारी मांग रहे थे। बताचीत के दौरान उनका बंद हो चुका एक मोबाइल नंबर भी बार बार बताया जा रहा था।

ठगों ने इसी नंबर को जब दो बार में अलग-अलग बताया तो उन्हें शक हुआ कि यह उन्हें फंसाने की साजिश है। तब उन्होंने कॉल काटकर अपना मोबाइल फोन ही ऑफ कर दिया। उसके बाद महिला डॉक्टर ने इसकी जानकारी परिजनों को दी और फिर आईजी दफ्तर चली आईं। आईजी के निर्देश पर साइबर थाने की एसआई शालू यादव ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

महाराष्ट्र से जुड़े हो सकते हैं ठगों के तार

कुछ दिनों पहले भोजीपुरा के मेडिकल कॉलेज की छात्रा को दो दिन तक उसके कमरे में इसी तरह डिजिटल अरेस्ट किया गया था। ठगों ने उसके खातों से करीब साढ़े आठ लाख की ठगी कर ली थी। इस मामले में भी साइबर थाना पुलिस विवेचना कर रही है। पता लगा है कि ठगों के तार महाराष्ट्र से जुड़े हैं। चुनाव के बाद टीम वहां जाकर धरपकड़ करेगी।

जागररूकता ही बचाव

आईजी रेंज के डॉ. राकेश सिंह ने बताया कि साइबर ठग अलग अलग तरीके से लूट रहे हैं। इसलिए जागरूकता ही सबसे बेहतर बचाव है। महिला डॉक्टर ने हिम्मत दिखाकर कॉल काट दी और तुरंत पुलिस की मदद ली। दूसरों को भी ऐसी स्थिति में हिम्मत से काम लेना चाहिए।

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