हरियाणा विधानसभा के लिए मतदान समाप्त हो गए है। मतदान समाप्त होने के बाद, अलग-अलग एजेंसियों के एग्जिट पोल के परिणाम सामने आने लगे हैं। बता दें हरियाणा में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं, किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए 46 सीटों का बहुमत हासिल करना आवश्यक है। इस चुनाव में भाजपा, कांग्रेस, इंडियन नेशनल लोकदल, आम आदमी पार्टी, जननायक जनता पार्टी, बसपा, एएसपी, और निर्दलीय उम्मीदवारों सहित कुल 1031 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। विभिन्न एजेंसियों की माने तो इस बार चुनाव में भाजपा को हार का सामना कर पढ़ सकता है। वहीं इस चुनाव में कांग्रेस के सिर पर जीत का ताज सज सकता है।
वोटिंग प्रतिशत में कमी के चलते पलट सकती है बाजी
जानकारों की माने तो हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान मतदान प्रतिशत 36% रहा। यदि पुराने आंकड़ों को देखे तो जब भी मतदान प्रतिशत में कमी आई है तो सत्ता परिवर्तन होता है। चुनाव को लेकर मतदाताओं की उदासीनता हमेशा ही सत्ता परिवर्तन का कारण बनती है। इस चुनाव में भी मतदाताओं की उदासीनता देखने को मिली है। माना जा रहा है कि लोक सभा चुनाव की तरह इस चुनाव में भी भाजपा और आरएसएस के कार्यकर्ता मतदाताओं को जागरूक करने में नाकामयाब साबित हुए है।
नेताओं की उदासीनता
पिछले लगभग दस सालों से देखा जा रहा है कि भाजपा के सभी नेता केवल मोदी के नाम पर ही वोट मांग रहे है। लेकिन धरातल पर कोई भी नेता काम करने के लिए तैयार नहीं है। धरातल पर काम न करने के कारण जनता का भाजपा के प्रति मोह कम हो रहा है। जनता भी कहने लगी है कि अखिर कब तक मोदी के नाम पर वोट डालें।
अधिकांश मतदाताओं का कहना है कि भाजपा के नेताओं में अपने दायित्वों के प्रति लापरवाही के चलते जनता उनसे नाराज चल रही है। वहीं आरएसएस के कार्यकर्ता भी भाजपा के नेताओं की उदासीनता का जवाब देने में नाकामयाब सिद्ध हो रहे है। कार्यकर्ताओ का भी कहना है कि अखिर कब तक वह मोदी के नाम पर वोट मांगेगे। दबी जुवान से सभी कार्यकर्ता भाजपा के नेताओ की अपने जिम्मेदारी के प्रति उदासीनता को वोट कम पड़ने के लिए दोषी मान रहे हैं।
क्या है सट्टा बाजार का अनुमान
सट्टा बाजार से संबंधित वेबसाइट Diamondexch99.com के अनुसार अनुमान लगाया जा रहा है कि इस चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार 57 से 59 सीटों पर जीत प्राप्त कर सकते हैं, जबकि भाजपा को 22 से 24 सीटों पर ही संतोष करना पड़ सकता है। जानकारी के अनुसार फलोदी सट्टा बाजार के सटोरियों ने इन अनुमानों के आधार पर सट्टा लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
यदि सट्टा बाजार का अनुमान सही साबित होती है तो इस वर्ष हरियाणा में 10 वर्षों के बाद कांग्रेस की वापसी की संभावना प्रबल हो जाएगी। बता दें कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 2014 और 2019 में जीत हासिल की थी।
कितना रहा हरियाणा चुनाव में मतदान प्रतिशत?
जानकारी के अनुसार हरियाणा में कुल मतदान प्रतिशत 36.69% रहा है। अलग-अलग जिलों का मतदान प्रतिशत इस प्रकार है:-
- फतेहाबाद – 40.00%
- जींद – 41.93%
- कुरुक्षेत्र – 41.05%
- महेंद्रगढ़ – 38.20%
- चरखी दादरी – 29.62%
- हिसार – 38.34%
- अंबाला – 39.47%
- पलवल – 41.85%
- पानीपत – 38.24%
- रेवाड़ी – 35.10%
- सोनीपत – 33.64%
- यमुनानगर – 42.08%
- फरीदाबाद – 31.71%
- गुरुग्राम – 27.70%
- झज्जर – 36.93%
- कैथल – 38.18%
- करनाल – 39.74%
- पंचकूला – 25.89%
- सिरसा – 34.78%
नोट: दुर्ग दृष्टि टाइम्स किसी भी सट्टा बाजार के दावों का समर्थन नहीं करता है। सट्टा बाजार जोखिमों का खेल है और यह पूर्ण रूप से गैरकानूनी है। हरियाणा चुनाव के आधिकारिक नतीजे 8 अक्टूबर 2024 को घोषित किए जाएंगे।
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