मेरठ। सनातन धर्म में लगभग प्रत्येक माह कोई न कोई पर्व या त्योहार अवश्य मनाया जाता है। साथ ही इन त्योहारों को मनाने के पीछे कई कारण होते हैं। सावन का माह पूर्ण रूप से प्रकृति को समर्पित है। इसी क्रम में सावन माह के शुक्लपक्ष की पंचमी को नाग पंचमी मनाई जाती है जो इस वर्ष 21 अगस्त को सोमवार के दिन पड़ रही है। नाग पंचमी को पूजा करने से सर्प दोष से मुक्ति तो मिलती ही है। साथ ही विशेष प्रकार से पूजा करने से कई ग्रह दोषों को शांत कर घर में सुख और समृद्धि प्राप्त की जा सकती है।
सावन और नाग पंचमी का महत्व
मेरठ निवासी ज्योतिषाचार्य पंडित डॉ. पियूष अवतार शर्मा ने बताया कि शास्त्रों में सावन के महीने को शिव जी का महीना कहा जाता है। इसी माह में शिव जी ने सृष्टी की रक्षा के लिए विश पिया था। इसी कारण से सावन के महीने में शिव जी की पूजा की जाती है। वहीं नाग देवता द्वारा समुद्र मंथन में महत्वपूर्ण भूमिका निभान के कारण नाग पंचमी का दिन नाग देवता को समर्पित है। इसी कारण से नाग पंचमी को नाग देवता की पूजा की जाती है। इस दिन अनन्त, पद्म, महापद्म, वासुकि, तक्षक, कुलीर, कर्कट, और शंख आठ नागों की पूजा करने का विधान है। नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने से कई प्रकार के दोषों से मुक्ति मिल जाती है।
डॉ. पियूश अवतार शर्मा ने बताया की नाग पंचमी का दिन सनातन धर्म में विशेष महत्व रखाता है। इस दिन नाग देवता की पूजा की जाती है। नाग देवता जितना शिव जी के प्रिय हैं उतना ही विष्णु जी को भी प्रिय हैं। जहां शिव जी ने नाग देवता को अपना श्रृंगार बनाया है वहीं विष्णु जी ने नाग देवता को अपने आसन के रूप में नाग का वरण किया है। शिव जी और विष्णु जी के प्रिय होने के कारण माता पार्वती और लक्ष्मी को भी नाग देवता प्रिय हैं। इसी कारण से कहा जाता है कि नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा करने मात्र से ग्रह शांति हो जाती है।
नाग पंचमी पर करें यह छोटा सा उपाय
डॉ. पियूश अवतार शर्मा ने बताया कि पिछले 25 सालों के अध्यन से पाया है कि नाग पंचमी के दिन इस छोटे से उपाए से कई प्रकार के ग्रह दोषों को शांत किया जा सकता है। इस प्रकार की पूजा से सर्प के भय से तो मुक्ति मिलती ही है साथ ही घर में सुख शांति और समृद्धि भी बढ़ती है।
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उपाय
नाग पंचमी के दिन शुभ मुहूर्त में घर के मुख्य द्वारा के दोनों तरफ पांच-पांच नागों को इस प्रकार बनाना चाहिए जिससे वह एक दूसरे को देखे। नाग कच्ची पेंसिल या कोयले से बनाना है। सांप का मुख लाल रंग से या स्केच पैन से बनाना है। नाग बनाने से पूर्व दीवार को गंगा जल से धो लेना चाहिए। नाग बनाने के बाद नाग देवता का भोग कच्चे दूध, घी और बूरा से लगाना चाहिए। (चित्र को देखकर घर की दीवार पर इस प्रकार बनाए नाग)
ध्यान रखने योग्य बातें
ध्यान रहे पूजा में प्रयोग सभी चीजे मसलन पेंसिल, रंग आदि को घर के अंदर नहीं लाना है। प्रयोग के बाद सभी चीजों को घर के बाहर ही किसी पेड़ आदि के नीचे रख देना है। पूजा के समय अपने मन को शांत रखना है। जितने शांत मन से पूजा की जाएगी उतना ही अच्छा प्रभाव सामने आएगा। अच्छे परिणामों के लिए पूजा शुभ मुहूर्त में करें। कोशिश करें बनाए गए नाग के चित्र पूरे साल तक सुरक्षित रहें।
नाग पूजन के फायदे
नाग पूजन से नाग का भय तो दूर होता ही है साथ ही कई प्रकार के ग्रह दोष दूर होते हैं। ग्रह दोष दूर होने के कारण घर में गृह क्लेश समाप्त हो जाता है। घर के सभी सदस्यों में प्रेम बढ़ता है। घर में सुख, शांति के साथ समृद्धि में काफी इजाफा होता है। घर में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं रहती है।
नोट: यह सभी विचार मेरठ निवासी ज्योतिषाचार्य पंडित पियूष अवतार शर्मा जी के है। कृपया कोई भी उपचार करने से पूर्व उनसे 9997862935 नंबर पर संपर्क कर लें।