नई दिल्ली। महाराष्ट्र सहित पूरे देश में उस समय खलबली मच गई जब राष्ट्रवादी कांग्रेस पाटी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने अचानक अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की। शरद पवार के अचानक इस्तीफा देने से सिर्फ एनसीपी में ही नहीं कांग्रेस शिवसेना सहित समस्त पार्टियों में हडकंप मच गया। जानकारों के अनुसार पिछले काफी समय से शरद पवार के भतीजे अजित पवार के पार्टी छोड़ने की चर्चा चल रही थी।
जानकारी के अनुसार शरद पवार अपनी आत्मकथा लोक माझे सांगाती पुस्तक के संशोधित संस्करण के विमोचन के लिए मुंबई आए हुए थे। पुस्तक के विमोचन के अवसर पर उन्होंने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया। कार्यक्रम के दौरान शरद पवान ने कहा कि वह पिछले 63 सालों से विभिन्न पदों पर रहते हुए महाराष्ट्र और देश की सेवा करते रहे हैं।
राज्यसभा की सदस्यता के तीन वर्ष अभी शेष हैं। यह समय वह बिना किसी पद के देश और महाराष्ट्र की सेवा करना चाहते हैं। 1960 से लेकर 2023 तक के लम्बे समय से वह जनता की सेवा करते चले आ रहे है। लेकिन अब समय आ गया है कि जनता की सेवा की जिम्मेदारी अन्य लोगों के हाथ में सौपी जाए। शरद पवार के त्यागपत्र के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं में विरोध शुरू हो गया। पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ वरिष्ठ नेताओं ने शरद पवार से त्यागपत्र वापस लेने की मांग की।
इस्तीफे पर पुन: विचार करेंगे शरद पवार
कार्यकर्ताओं के बार बार आग्रह पर शरद पवार त्यागपत्र पर पुन: विचार करने को तैयार हो गए हैं। उन्होंने कहा कि त्यागपत्र वापस लेने का फैसला वह कुछ दिनों में ले लेगें।
समिति के सदस्य
शरद पवार ने पार्टी अध्यक्ष चुनने के लिए समिति बनाने की सिफारिश की है। एनसीपी की समिति में प्रफुल्ल पटेल, छगन भुजबल, सुप्रिया सुले, सुनील तटकरे, केके शर्मा, पीसी चाको, अजित पवार, जयंत पाटिल, दिलीप वाल्से पाटिल, अनिल देशमुख राजेश टोपे, जितेन्द्र अव्हाड, हसन मुशारिफ, धनंजय मंडे और जयदेव गायकवाड़ है। इसके अतिरिक्त धीरज शर्मा, सोनिया दुहन, फौजिया खान पदेन सदस्य है।