देहरादून। पंडा, पुरोहित और स्थानीय लोगों के भारी विरोध के बाद बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) की ओर से शुरू किया गया वीआईपी कल्चर समाप्त कर दिया गया है। अब सरकार की ओर से प्रोटोकॉल जारी करने वाले लोगों को ही वीओईपी दर्शन हो पाएंगे। हालांकि स्थानीय लोगों को मंदिर में आने जाने के लिए किसी प्रकार की रोक नहीं होगी।
जानकारी के अनुसार सोमवार सुबह बदरीनाथ धाम में पंडा समाज, तीर्थ पुरोहित, होटल व्यवसायी और स्थानीय लोग वीआईपी कल्चर समाप्त करने को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। इस प्रदर्शन में बामणी गांव की महिलाएं भी पहुंच गईं। इसके बाद स्थानीय लोगों ने साकेत तिराहे पर जिला प्रशासन और बीकेटीसी के खिलाफ नारेबाजी की।
प्रदर्शनकारी स्थानीय लोगों और तीर्थ पुरोहितों को मंदिर में जाने से नहीं रोकने, कुबेर गली में मार्ग पर लगे बैरियर और वीआईपी वेटिंग रूम को हटाने की मांग कर रहे थे। लोगों का कहना था कि बीकेटीसी ने जो वीआईपी दर्शन की व्यवस्था शुरू की है, उससे आम श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए घंटों लाइन में इंतजार करना पड़ रहा है।
चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के महासचिव डॉ. बृजेश सती ने कहा, मंदिर समिति की ओर से वीआईपी कल्चर शुरू किया गया है, वो पूरी तरह से खत्म हो। बदरीश पंचायत समिति के अध्यक्ष प्रवीन ध्यानी ने कहा, धाम में विभिन्न समस्याओं को लेकर मंगलवार को सुबह 11 बजे आमसभा आयोजित की जाएगी।
वीआईपी कल्चर समाप्त होने से आम श्रद्धालुओं को राहत
जिस कुबेर गली से वीआईपी को अंदर भेजा जाता है, वहां पर सुबह ही स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिससे सोमवार को कोई भी वीआईपी मंदिर परिक्रमा स्थल तक नहीं जा पाया। हालांकि, बाद में लोग साकेत तिराहे पर प्रदर्शन करने आ गए।
लोगों के आक्रोश को देखते हुए सोमवार को किसी को भी वीआईपी दर्शन के लिए नहीं भेजा गया, जिससे आम तीर्थयात्रियों ने आसानी से भगवान बदरीविशाल के दर्शन किए।
सूत्रों के अनुसार समिति ने लोगों की मांगों को पूरा करते हुए बदरीनाथ धाम में वीआईपी दर्शन व्यवस्था को समाप्त कर दिया है। अब जिन वीआईपी को सरकार की ओर से प्रोटोकॉल जारी होगा, उनको ही वीआईपी दर्शन की अनुमति होगी। समिति ने स्थानीय लोगों की सभी मांगों को मान लिया है।
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