दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुसीबते कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। मंगलवार को हाई कोर्ट ने निराश होने के बाद आज दिल्ली सरकार के मंत्री राजकुमार आनंद ने भी अपनी ही पार्टी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। अपने पद से इस्तीफा देने के साथ ही उन्होंने आम आदमी पार्टी भी छोड़ दी है।
गौरतलब हो कि पिछले काफी समय से आम आदमी पार्टी के दिन सही नहीं चल रहे हैं जहां एक तरफ पार्टी के शीर्ष नेतृत्व सलाखों के पीछे है तो वहीं दूसरी तरफ उनके साथी भी उनका हाथ छुड़ाने लगे हैं। बुधवार को पटेल नगर से विधायक राजकुमार आनंद ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।
इतना ही नहीं उन्होंने पार्टी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर पार्टी से भी इस्तीफा दे दिया हैं। अपना त्यागपत्र देते हुए राजकुमार आनंद ने कहा कि, भ्रष्टाचार को लेकर पार्टी की नीतियों से वह सहमत नहीं है।
2023 में ईडी ने मारा था छापा
ज्ञात हो कि बीते साल नवंबर में जब ईडी ने सीएम केजरीवाल को जब शराब घोटाले में पूछताछ के लिए बुलाया था उससे पहले ईडी ने मंत्री राजकुमार आनंद के आवास पर छापा मारा था। ईडी ने मंत्री के सिविल लाइंस स्थित आधिकारिक आवास समेत 9 जगहों पर छानबीन की थी।
जानकारी के अनुसार बिजनेस से जुड़े कई मामलों में ईडी की टीम छापेमारी की थी। उनपर हवाला लेनदेन में शामिल होने का भी शक था। इस पूरे मामले को सीमा शुल्क मामले से भी जोड़कर देखा जा रहा था।
कौन हैं राजकुमार आनंद?
राजकुमार आनंद वर्ष 2020 में पहली बार पटेल नगर सीट से विधायक बने थे। इससे पहले उनकी पत्नी वीना आनंद भी इसी विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुकी हैं। दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम की जगह राजकुमार आनंद को कैबिनेट में शामिल किया गया था।
बता दें राजेन्द्र पाल ने बौद्ध सम्मेलन के एक कार्यक्रम में हिंदू देवी-देवताओं पर अभद्र टिप्पणी की गई थी, जहां राजेंद्र पाल गौतम भी मौजूद थे, जिसके बाद काफी बवाल हुआ था और राजेंद्र गौतम को कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा था।
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