नई दिल्ली। सभी भारतीयों और भारतीय सैनिकों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। जल्द ही भारतीय सेना को खुद की सैटेलाइट मिलने वाली है। इस सैटेलाइट के मिलने के बाद सेना को किसी भी मिशन की सटीक जानकारी मिल सकेगी।
जानकारी के अनुसार भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय ने न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) के साथ एक अनुबंध बनाया है। 300 करोड़ की लागत से बनने वाला यह सैटेलाइट 2026 तक भारत को मिल सकता है।
सूत्रों के अनुसार इस मिशन को पूरा करने के लिए मंत्रालय से हरी झंडी मिल गई है और इस पर कार्य भी आरंभ हो गया है। अगर सब कुछ सही रहा तो संभावना व्यक्त की जा रही है कि 2026 तक यह भारतीय सेना को सौप दिया जाएगा। गौरतलब हो कि काफी समय से भारतीय सेना इस प्रकार की सैटेलाइट के लिए अनुरोध कर चुकी है।
नौसेना और वायुसेना के पास है खुद का सैटेलाइट
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भारतीय सेना के लिए सैटेलाइट बनाने का काम इसरो कर रहा है। वर्तमान में वायुसेना और नौसेना के पास अपनी अपनी सैटेलाइट है किंतु थल सेना के पास इस प्रकार की कोई सैटेलाइट नहीं थी।
थल सेना को किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए नौसेना और वायु सेना की सहायता लेनी पड़ती थी। पिछले काफी समय से थल सेना खुद की सैटेलाइट की मांग कर रही थी। थल सेना की इसी आवश्यकता को देखते हुए रक्षा मंत्रालय ने इसरो को इसकी जिम्मेदारी सौपी है।
इसरो ने 2026 तक इस कार्य को पूरा करने का अनुमान लगाया है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार यह जियोस्टेशनरी सैटेलाइट 5 टन कैटेगरी की अपनी तरह की पहली सैटेलाइट होगी। यह सैटेलाइट अत्याधुनिक सुविधा से युक्त होगी। रक्षा मंत्रालय के अनुसार इस सैटेलाइट के मिलने के बाद थल सेना की युद्ध क्षमता और अधिक मजबूत हो जाएगी। इस सैटेलाइट का विशेषता होगी की यह किसी भी मिशन से पहले उसके सही लोकेशन की सटीक जानकारी उपलब्ध करा देगी।