नई दिल्ली। भाई बहनों के प्रेम का त्योहार रक्षाबंधन भारत में बहुत ही धूम धाम के साथ मनाया जाता है। किन्तु इस वर्ष रक्षा बंधन शुरू होते ही भद्रा का साया है। मान्यता है कि भद्रा काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। ऐसे में लोगों में राखी बंधने के समय को लेकर भ्रम की स्थिति है। लेकिन एक छोटा सा उपाए कर भद्रा काल में भी राखी बांधी जा सकती है।
ज्योतिषाचार्य पंडित पियूष अवतार शर्मा ने बताया कि सनातन धर्म में रक्षा बंधन पर्व का विशेष महत्व है। यह पर्व प्रत्येक माह श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। वर्ष 2023 में यह पर्व 30 और 31 अगस्त को पड़ रहा है। पंचांग के अनुसार 2023 में श्रावण महीने की पूर्णिमा तिथि सुबह 11 बजे से शुरू होगी और 31 अगस्त को सुबह 7 बजकर 7 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। परन्तु इस वर्ष रक्षाबंधन पर भद्रा का साया है। शास्त्रों में भद्रा काल में राखी बंधना वर्जित है। इसी कारण से भद्रा काल में भाइयों को राखी बंधने के लिए मना किया जाता है।
क्या है भद्रा?
पियूष अवतार शर्मा ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार भद्रा सूर्य की पुत्री और शनि देव की बहन हैं। इनका जन्म दैत्यों के विनाश के लिए हुआ था। मान्यता है कि भद्रा ने पैदा होने के बाद संपूर्ण सृष्टि को ही अपना निवाला बनाना शुरू कर दिया था। तभी से भद्रा के साय में कोई भी शुभ कार्य करने के लिए मना किया जाता है।
माना जाता है कि भद्रा काल में किया गया कोई भी कार्य सफल नहीं होता है। और शुभ कार्य में विध्न आने लगते हैं। शास्त्रों के अनुसार भद्रा तीनों लोकों में वास करती है। पंचांग के अनुसार जब चन्द्रमा कर्क, कुंभ, मीन या सिंह राशि में हो तो भद्रा का वास पृथ्वी लोक पर होता है।
भद्रा का साया कब से कब तक?
वैदिक पंचांग के अनुसार इस वर्ष 30 अगस्त को प्रात: 10 बजकर 58 मिनट से भद्रा का साया शुरू होगा और रात 9 बजकर 1 मिनट पर भद्रा का साया समाप्त होगा।
राखी बंधने का शुभ मुहूर्त
पंडित पियूष अवतार शर्मा ने बताया कि रक्षा बंधन पर भद्रा काल का साया होने के कारण 30 अगस्त को भद्रा का साया समाप्त होने के बाद रात 9 बजकर 1 मिनट के बाद ही राखी बंधवाना उचित रहेगा। वहीं 31 अगस्त को सुबह 7 बजकर 7 मिनट तक पूर्णिमा रहेगी। लेकिन 31 अगस्त को सुबह 10 बजकर 45 मिनट तक रखी बंधी जा सकती है।
करें यह उपाए
पंडित पियूष अवतार शर्मा ने बताया कि यदि 30 अगस्त को ही राखी बांधना चाहते हैं तो उसके लिए एक छोटा सा उपाए करना होगा। भद्रा काल में राखी बंधने के लिए बहन को राखी की थाली में 125 ग्राम फिटकरी लेकर भाई के सिर से पैरो तक सात बार फिटकरी धुमाकर उस फिटकरी को भाई की राशि के अनुसार घर के बाहर फेक देना है।
यदि भाई की राशि जल तत्व वाली अर्थात कर्क, वृश्चिक, मीन है तो फिटकरी को बहते हुए जल में बहाना है। यदि भाई की राशि अग्नि तत्व वाली अर्थात मेष, सिंह, धनु राशि है तो फिटकरी को कपूर पर रखकर जला देना है। इसी प्रकार यदि भाई की राशि पृथ्वी तत्व वाली अर्थात वृष, कन्या और मकर है तो फिटकरी को पार्क या मैदान में दबानी है। इसी प्रकार यदि भाई की राशि वायु तत्व वाली अर्थात मिथुन तुला और कुंभ है तो फिटकरी को पार्क में फेंकना है। ऐसा करने से भद्रा का कुप्रभाव नहीं पड़ेगा।
उपाए करते समय ध्यान रखने योग्य बातें
पियूष अवतार शर्मा ने कहा कि 125 ग्राम फिटकरी एक ही व्यक्ति के लिए है। प्रत्येक भाई के लिए अलग अलग फिटकरी प्रयोग करना है। एक ही फिटकरी से सभी की न्योछावर नहीं करनी है। पूजा होने के बाद सबसे पहले फिटकरी को घर के बाहर फेकना है उसके बाद ही कोई अन्य कार्य करना है।
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