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Karwa Chauth 2023: करवा चौथ पर इन नियमों का करें पालन, जाने शुभ मुहूर्त

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Karwa Chauth 2023: हिन्दू धर्म में करवा चौथ व्रत का विशेष महात्व है। यह व्रत हर सुहागिन महिला के लिए खास होता है। करवा चौथ के दिन सुहागिन महिलाओं अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इस वर्ष करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर 2023 को रखा जाएगा। यह व्रत हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन मनाया जाता है।

ज्योतिषाचार्य पंडित अमोद शर्मा के अनुसार मान्यता है कि इस व्रत को रखने से वैवाहिक जीवन सुखमय होने के साथ साथ पति की आयु भी लंबी होती है। करवा चौथ से जुड़ी कई मान्यताएं और परंपराएं होती है जो इस व्रत को और भी खास बनाती हैँ।

शास्त्रों के अनुसार इस व्रत को रखने के कुछ खास नियम होते हैं जिनका पालन करना आवश्यक होता है। इस व्रत में चन्द्रमा का भी विशेष महात्व है। क्योंकि चन्द्रमा को देखने के बाद ही महिलाएं अपना व्रत खोलती हैं। जो महिलाएं पहली बार करवा चौथ का व्रत रख रही हैं उनकों व्रत के सभी नियमों को अच्छे से जान लेना चाहिए।

यहां हम करवा चौथ व्रत के सभी नियमों के बारे में बताने बताने जा रहे हैं लेकिन कुछ स्थानों पर इसके नियम अलग भी हो सकते हैं।

सरगी खाने का समय

ज्योतिषाचार्य पंडित अमोद शर्मा के अनुसार जो महिलाएं पहली बार करवा चौथ का व्रत रख रही हैँ तो जान लें कि करवा चौथ का व्रत सूर्योदय के पहले ही शुरू हो जाता है। इस लिए सूर्योदय से पहले उठकर अपने बड़ों का आशीर्वाद लेने के बाद सरगी खाकर व्रत की शुरूआत करें।

ध्यान रहे सरगी सूर्योदय से एक दो घंटे पहले कर लेनी चाहिए। शास्त्रों के अनुसार दिन के पहले प्रहर के साथ ही दिन की शुरू आत हो जाती है। पहला प्रहर लगभग सुबह के चार बजे से शुरू होता है इस लिए सरगी को इससे पहले कर लेना चाहिए। अमूमन महिलाएं रात को तीन बजे के आस-पास सरगी करती हैं।

क्या होती है सरगी

बता दे सरगी खाने की उस थाली को कहते हैं जो व्रत शुरू होने से पहले की जाती है। इस थाली में मांसाहार को छोडकर सभी प्रकार का खाना खाया जा सकता है। इसके अतिरिक्त लहसुन और प्याज का प्रयोग भी नहीं करना चाहिए.  इस थाली में नमकीन खाने के साथ कुछ मीठा भी होता है।

कई स्थानों पर सरगी के रूप में जलेबी खाने की भी प्रथा है। सरगी सूर्योदय से पहले की जाती है क्योंकि सूर्योदय के बाद व्रत आरंभ हो जाता है।

करवा चौथ पर महिलाएं करें 16 श्रृंगार

ज्योतिषाचार्य पंडित अमोद शर्मा के अनुसार सुहागन महिलाओं के लिए करवाचौथ का व्रत बहुत ही खास होता है। इस दिन महिलाओं को पूजा में पूरे 16 श्रृंगार के साथ बैठना चाहिए। इसके साथ ही महिलाओं को हाथों में मेंहदी और पैरों में आलता जरूर लगाना चाहिए। ऐसा करना हिन्दू धर्म में शुभ माना जाता है।

करवा चौथ पर लाल रंग के वस्त्र करें धारण

सुहागन महिलाओं के लिए लाल रंग शुभ माना जाता है। ऐसे में सुहागन महिलाओं को करवा चौथ पर लाल रंग के वस्त्रों को धारण करना चाहिए। इसके अतिरिक्त पीले और हरे रंग के वस्त्र भी धारण कर सकते हैं।

ध्यान रहे भूलकर भी इस दिन काले, सफेद, बैगनी या नीले रंग के वस्त्र न धारण करें। करवा चौथ के दिन शादी का जोड़ा भी पहना जा सकता है। इस दिन शादी का जोड़ा पहनना शुभ माना जाता है।

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अवश्य सुने करवा चौथ की व्रत कथा

करवा चौथ के दिन करवा चौथ व्रत की कथा को सुनना बहुत जरूरी होता है। इस कथा को सुने बिना व्रत पूर्ण नहीं माना जाता है। व्रत कथा को सही दिशा में बैठकर सुनना चाहिए और विधि पूर्वक पूजा करनी चाहिए।

करवा चौथ पूजा का शुभ मुहूर्त

पंचाग के अनुसार इस वर्ष कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 31 अक्टूबर को रात 9 बजकर 30 मिनट से शुरू होकर 1 नवंबर को रात 9 बजकर 19 मिनट तक रहेगी। चूकि 1 नवंबर को सूर्योदय के समय चतुर्थी होगी इसी कारण से करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर को रखा जाएगा।

ज्योतिषाचार्य पंडित अमोद शर्मा के अनुसार करवा चौथ की पूजा करने का शुभ मुहूर्त 1 नवंबर को शाम 5 बजकर 44 मिनट से शाम 7 बजकर 2 मिनट तक है। उस दिन चन्द्र उदय 8 बजकर 26 मिनट पर होगा।

भोजन में न बनाए मांसाहार

करवा चौथ के दिन भूलकर भी मांसाहारी भोजन न बनाएं। इसके साथ ही परिवार के अन्य सदस्यों को भी मांसाहार करने से रोकें। इसके अतिरिक्त इस दिन भोजन में लहसुन और प्याज का प्रयोग करने के लिए मना किया जाता है।

नोट: यह सभी विचार बरेली निवासी तांत्रिक एवं ज्योतिषाचार्य पंडित अमोद शर्मा जी के है। कोई भी उपचार करने से पूर्व उनसे 8859807566 नंबर पर नि:शुल्क संपर्क कर लें।
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