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UP Politics: यूपी में गठबंधन में टूटने के दिखे आसार, सपा ने घोषित किए अपने प्रत्याशी

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लखनऊ। बिहार के बाद उत्तर प्रदेश में एक बार फिर इंडिया गठबंधन को तगड़ा झटका लगा है। नितीश कुमार के इंडिया गठबंधन से अलग होने के बाद अखिलेश यादव ने अपनी मनमानी शुरू कर दी है। अखिलेख यादव के इस मनमानी से इंडिया गठबंधन टूटने के कगार पर आ चुकी है। वहीं गठबंधन से जुड़ी अन्य पार्टियां अखिलेख की मनमानी का विरोध कर रहे है।

गौरतलब हो कि दो दिन पूर्व रविवार को नितीश कुमार ने इंडिया गठबंधन को छोड़कर भाजपा से हाथ मिला लिया था। इसके बाद आज समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने विना अन्य दलों की सहमती के अपनी पार्टी के 16 प्रत्याशियों की पहली सू्ची जारी कर दी है।

जानकारी के अनुसार अखिलेश यादव ने कांग्रेस को प्रदेश में मात्र 11 सीटें दी है। अखिलेश के इस निर्णय से विशेष रूप से कांग्रेस के नेता खासा नाराज दिख रहे हैं। अखिलेश के इस निर्णय से यूपी में इंडिया गठबंधन के टूटने का खतरा बढ़ गया है।

कांग्रेस से बातचीत के पहले ही अपने प्रत्याशियों की सूची जारी कर अखिलेश यादव ने अपनी तरफ से डील फाइनल कर दी है। भारत जोड़ो न्याय यात्रा के उत्तर प्रदेश में प्रवेश से पहले ही अखिलेश यादव की इस कोशिश को कांग्रेस के लिए तगड़ा झटका माना जा रहा है।

पिछले काफी समय से प्रचारित किया जा रहा था कि इंडिया गठबंधन की ओर से सभी सहयोगी दल मिलकर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। सभी साथ मिलकर चुनाव प्रचार में उतरने की रणनीति अपनाएंगे। लेकिन राहुल गांधी की यात्रा के उत्तर प्रदेश में प्रवेश से पहले ही अखिलेश यादव ने अपनी सूची जारी कर यह साफ कर दिया है कि समाजवादी पार्टी अपनी रणनीति अलग ही तैयार कर रही है।

सोच विचार कर लिया गया है निर्णय

समाजवादी पार्टी के नेता का कहा कि समाजवादी पार्टी ने सहयोगी दलों का पूरा सम्मान रखते हुए यह निर्णय लिया है। कांग्रेस की स्थिती पर सोच विचार के बाद उन्हें 11 सीटें देनी तय की गई हैं। इससे अधिक बढ़ोतरी की गुंजाइश नहीं है।

उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन अभी अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी इंडिया गठबंधन के साथ उत्तर प्रदेश में 62 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी।

गठबंधन को लेकर बसपा का चरित्र संदेहजनक

जानकारों की माने तो इंडिया गठबंधन से बसपा दूरी बनाया हुआ है। ऐसे में गठबंधन बसपा को संदेह की दृष्टि से देख रहा है। ऐसे में बसपा के गठबंधन से जुड़ने की संभावना कम ही नजर आ रही है।

सपा का निर्णय स्वीकार नहीं

कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि सपा ने जल्दवाजी में लिस्ट जारी कर दी है इस मामले पर केंद्रीय नेतृत्व अंतिम ही निर्णय लेगा। देश के सबसे बड़े राज्य में कांग्रेस 11 सीटों पर सिमटना स्वीकार नहीं करेगी। इससे पार्टी कुछ सीटों पर ही सिमट कर रह जाएगी और इससे भविष्य में पार्टी के मजबूत होने की संभावनाएं भी समाप्त हो जाएंगी।

उन्होंने कहा कि सपा यदि अपनी मनमानी करती रही तो बेहतर होगा कि कांग्रेस अकेले चुनाव में उतरे और हर सीट पर अपना जनाधार विकसित करे। उन्होंने कहा कि अंतिम निर्णय केन्द्रीय नेतृत्व ही लेगा जिसका पालन सभी को करना होगा।

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